21 कर्मी दबा कर बैठे हैं 10.14 करोड़ रुपये
डीएम ने जतायी नाराजगी, अधिकारियों को कर्मियों पर भी एफआइआर का दिया आदेश मुजफ्फरपुर : जिले में वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक धान व गेहूं की खरीद में 10.20 करोड़ रुपये गबन का मामला सामने आया था. गबन का आरोप तब खाद्य निगम में कार्यरत 35 कर्मचारियों पर लगा था. इसमें से 14 ने […]
डीएम ने जतायी नाराजगी, अधिकारियों को कर्मियों पर भी एफआइआर का दिया आदेश
मुजफ्फरपुर : जिले में वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक धान व गेहूं की खरीद में 10.20 करोड़ रुपये गबन का मामला सामने आया था. गबन का आरोप तब खाद्य निगम में कार्यरत 35 कर्मचारियों पर लगा था. इसमें से 14 ने छह लाख रुपये की राशि वापस कर दी. शेष 21 लोग अभी भी 10.14 करोड़ रुपये दबा कर बैठे हैं. राज्य खाद्य निगम ने इन सभी पर प्राथमिकी का आदेश भी दिया था. लेकिन अभी तक महज दो लोगों पर ही प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
डीएम धर्मेंद्र सिंह ने इस पर नाराजगी जताते हुए राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक को पत्र लिख कर बांकी 21 कर्मियों
पर भी तत्काल एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
यही नहीं उन्हें इन कर्मचारियों पर नीलामवाद दायर कर राशि वसूलने का निर्देश भी दिया गया है. जिन 21 कर्मचारियों पर गबन का आरोप है, जिला आपूर्ति पदाधिकारी की ओर से उनमें से दस लोगों के खिलाफ ही आरोप पत्र गठित किया है.
डीएम ने इस पर भी नाराजगी जताते हुए शेष लोगों पर भी प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया है.
धान, गेहूं की क्षति व गबन का मामला
मिलरों से वसूलने हैं 65.53 करोड़
वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2014-15 के बीच धान की राशि सिर्फ कर्मचारियों ने ही गबन नहीं की है, जिले के मिलरों पर भी 72.14 करोड़ रुपये दबाने का आरोप था. इसमें से महज 6.61 करोड़ रुपये की ही वसूली हो सकी है. शेष 65.53 करोड़ रुपये नहीं लौटाने वाले मिलरों के खिलाफ राज्य खाद्य निगम ने एफआइआर का आदेश दिया था. लेकिन अभी तक दोषी कई मिलरों के खिलाफ अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. डीएम ने जिला प्रबंधक को बांकी मिलरों पर भी एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है.