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कोर्ट में चप्पल से पीटा

मामला . ससुर की जान से मारने की धमकी पर गुस्साई बहू न्यायालय में पैरवी के लिए पहुंचे अधिवक्ता व मुवक्किलों ने शांत कराया मामला शादी के बाद से ही पति, ससुर व ससुरालवालों के प्रताड़ना की शिकार है पीड़िता चार वर्षों से न्यायालय में न्याय के लिए दौड़ लगा रही है सोनी मुजफ्फरपुर : […]

मामला . ससुर की जान से मारने की धमकी पर गुस्साई बहू

न्यायालय में पैरवी के लिए पहुंचे अधिवक्ता व मुवक्किलों ने शांत कराया मामला
शादी के बाद से ही पति, ससुर व ससुरालवालों के प्रताड़ना की शिकार है पीड़िता
चार वर्षों से न्यायालय में न्याय के लिए दौड़ लगा रही है सोनी
मुजफ्फरपुर : शादी के मात्र एक माह बाद से ही दहेज प्रताड़ना का दंश झेल रही सोनी के सब्र का बांध सोमवार को उस समय टूट गया जब उसके ससुर ने उसे जान से मारने की धमकी दे दी. न्यायालय परिसर में मिली धमकी से बिफरी बहू खुद पर काबू नहीं रख सकी. सिर से पल्लू को हटाया और ससुर पर चप्पल की बौछार शुरू कर दी. न्यायालय के बरामदे पर अचानक बहू व ससुर की इस झड़प से अफरा-तफरी मच गयी. न्यायालय में वकीलों की दलील व पैरवी सुन रहे न्यायाधीश की निगाह भी बरामदे पर अपनी इज्जत के लिए लड़ रही उस बहू पर टिक गयी. अधिवक्तागण भी अपने केस की पैरवी छोड़ इस लड़ाई को देखने के लिए बरामदे का रुख कर लिये.
बहू व ससुर की लड़ाई से सीजेएम कोर्ट के बरामदे में मची अफरा-तफरी
दहेज के लिए देह में आग लगाने पर भी नहीं दिया था जवाब
सरैया बायाडीह के विश्वनाथ साह ने अपनी पुत्री सोनी की शादी चार वर्ष पूर्व 2012 में लालू छपरा के राजकुमार साह के पुत्र अजय साह से की थी. अजय कोलकाता में रहकर ट्रक चलाता है. शादी के एक माह के बाद ही उसका पति अजय दहेज में बाइक व 50 हजार रुपये की मांग करने लगा. वहीं ससुर राजकुमार साह ने भी अपने समधी विश्वनाथ साह से एक कट्ठा जमीन का लोभ पाल रखा था. दहेज देने से इनकार करने का खामियाजा सोनी को भुगतना पड़ा. शादी के एक माह बाद ही उसके शरीर में आग लगा दी गयी. स्थानीय लोगों के बीच-बचाव से उसकी जान बची. इसके बाद उसे घर से निकाल दिया गया. उसके बाद सोनी अपने मायके बायाडीह आ गयी. इस बीच मामले की पंचायत हुई.
पंचों ने ससुर, पति व सास के सामने उससे कई सवाल किये, लेकिन घुंघट के अंदर सोनी की सिसकियों के अलावा और कोई आवाज पंचों या अन्य लोगों ने नहीं सुनी. पंचायत में उसके ससुर व पति ने उस पर कई तरह के आरोप भी लगाये, लेकिन उसने कभी कोई जवाब नहीं दिया. पंचों और सामाजिक लोगों के कहने-सुनने पर जब बात नहीं बनी तो अंत में थक-हारकर सोनी ने अपने भरण-पोषण के लिए न्यायालय की शरण ली. वर्ष 2012 में की न्यायालय में भरण-पोषण के लिए दावा किया.
पति पर वारंट निकलने पर ससुर ने दी थी धमकी
चार वर्षों से न्यायालय सोनी के मामले की सुनवाई कर रही थी. मामले की सुनवाई के बाद सोमवार को न्यायालय ने अजय के विरुद्ध वारंट जारी कर दिया. अपने पुत्र अजय के विरुद्ध वारंट जारी होने की जानकारी होते ही राजकुमार साह भड़क गया. माता-पिता के साथ न्यायालय के बरामदे में खड़ी सोनी व उसके परिजनों को जान से मरवा देने की धमकी दे दी.
राजकुमार साह ने न्यायालय में ही उसे धमकी दी. वहां भी सोनी अपने घुंघट से ही ससुर के इस वहशी रूप को देखती रही. लेकिन जब राजकुमार ने सोनी की मां व पिता को गंदी गाली देते हुए जान से मरवाने की धमकी दी तो उसका सब्र टूट गया. घुंघट हटाया और फिर अपने पैर से चप्पल निकाल कर ससुर के चेहरे पर तड़ातड़ बरसाने लगी. सोनी के इस रूप को देखकर उसके माता-पिता भी हतप्रभ थे. आंखों में आंसू लिए उसके पिता विश्वनाथ साह ने कहा कि इस दिन को देखने के पहले उनके प्राण निकल जाते तो
अच्छा होता.
उन्होंने कहा कि सोनी काफी भोली है. काफी कष्ट सहने के बाद भी कभी उसने अपने मुंह से कोई गलत शब्द नहीं निकाला.

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