चार महीने से गाय के पेट में था मृत बच्चा

गाय को बेहोशी की सूई देकर ढाई घंटे में किया गया ऑपरेशन कुढ़नी के फंदा गांव के किसान की गाय दिनभर बिजली कटौती, पर 22-23 घंटे आपूर्ति का दावा मुजफ्फरपुर : एक पखवारा से शहर व ग्रामीण इलाके में बिजली के लिए हाहाकार मचा है. जगह-जगह तोड़फोड़ व सड़क जाम की घटना घट रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2016 6:13 AM

गाय को बेहोशी की सूई देकर ढाई घंटे में किया गया ऑपरेशन

कुढ़नी के फंदा गांव के किसान की गाय
दिनभर बिजली कटौती, पर 22-23 घंटे आपूर्ति का दावा
मुजफ्फरपुर : एक पखवारा से शहर व ग्रामीण इलाके में बिजली के लिए हाहाकार मचा है. जगह-जगह तोड़फोड़ व सड़क जाम की घटना घट रही है. मेंटेनेंस के नाम पर रोज शहर के कई फीडर एक साथ दिन-दिन भर के लिए बंद रह रहा है, लेकिन विद्युत आपूर्ति कंपनी एस्सेल ने जो रिपोर्ट सरकार को भेज रही है.
इसमें शहरी क्षेत्र को रोजाना 21-23 व ग्रामीण क्षेत्र को 17-20 घंटे तक बिजली देने का जिक्र है. जो लोगों को मिल रही बिजली व एस्सेल की ओर से सरकार को भेजी जा रही रिपोर्ट अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. रिपोर्ट में हेराफेरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहली सोमवारी से ठीक एक दिन पहले 24 जुलाई (रविवार) की अहले सुबह भिखनपुरा पावर सब स्टेशन में लगे 10 एमवीए का पावर ट्रांसफॉर्मर जल गया. एक साथ कई फीडर की आपूर्ति ठप हो गयी थी.
ट्रांसफॉर्मर को 24 घंटे बाद बदला गया. इस बीच लोगों को बिजली की गंभीर समस्या से जूझना पड़ा था. कावरियां अंधेरा में चल जलाभिषेक को बाबा नगरी पहुंचे, लेकिन एस्सेल ने उस दिन भी औसतन 23 घंटे 04 मिनट शहरी इलाके व ग्रामीण इलाके में करीब 18 घंटे बिजली आपूर्ति होने की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी है. जबकि, भिखनपुरा पावर सब स्टेशन से शहर समेत ग्रामीण इलाके के कई महत्वपूर्ण फीडर जुड़े हैं.
एस्सेल कागज पर शहर में कर रहा है 21-23 घंटे आपूर्ति
मुझे इसकी जानकारी नहीं है. आपूर्ति कम और रिपोर्ट में अधिक समय तक आपूर्ति की बात जिक्र है, तो यह गंभीर मामला है. हम इसकी जांच करायेंगे. रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलती है, तब अवश्य कार्रवाई की जायेगी.
जयशंकर झा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत अंचल मुजफ्फरपुर
रिपोर्ट पारदर्शी तरीके से तैयार करने को कहा गया है. इसके लिए कर्मचारी की अलग नियुक्ति है. अगर इसमें कहीं कोई गड़बड़ी है. तो इसकी जांच करायी जायेगी. एस्सेल की मंशा कभी भी गलत अापूर्ति रिपोर्टिंग को लेकर नहीं है.
आशीष राजदान, जीएम कॉरपोरेट एस्सेल

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