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क्रॉस करते ही पता चल जायेगा वजन

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By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2016 5:52 AM

टोल प्लाजा पर लगी वेइंग मोशन मशीन

मुजफ्फरपुर : वाहनों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए एनएचएआइ ने सभी टॉल प्लाजा पर वेइंग मोशन मशीन लगाना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर से पूर्णिया के बीच मैठी सहित चारों टोल प्लाजा पर वेइंग मशीन लगा दी गयी है. चांदनी चौक से बरौनी के बीच मुजफ्फरपुर के महंथ मनियारी व बेगूसराय के गोविंदचक टॉल प्लाजा पर भी मशीन लगायी गयी है. मुजफ्फरपुर-मोतिहारी फोरलेन पर चकिया टॉल प्लाजा व मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रोड में रून्नी टॉल प्लाजा पर मशीन लगाने का काम शुरू हो गया है. एक माह के अंदर काम पूरा हो जायेगा.
इस मशीन से क्षमता से अधिक सामान लोड कर ले जाने वाले वाहनों के वजन का पता चल जायेगा. मशीन से चलती गाड़ी में वजन कर लिया जाता है.
ओवरलोडिंग वाले वाहनों से टॉल भाड़ा के 10 गुना जुर्माना लिया जायेगा. साथ ही क्षमता से अधिक लोड किये गये माल को उतार कर टॉल प्लाजा के गोदाम में अनलोड कर रखा जायेगा. इसके बाद दूसरी गाड़ी से उस सामान को ले जाया जा सकेगा. अभी टॉल प्लाजा के पास अपना गोदाम नहीं है, जिसके कारण तत्काल फाइन नहीं किया जा रहा है.
गोदाम बनाने की तैयारी की जा रही है. गोदाम बनते ही फाइन करना शुरू कर दिया जायेगा.
मुजफ्फरपुर से पूर्णिया के बीच चारों टोल प्लाजा पर लगी मशीन
आपत्ति होने पर इलेक्ट्रॉनिक टॉल कांटा
किसी भी शर्त पर ओवरलोडिंग वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जायेगा. ताकि, सड़क कार्य अवधि से पहले नहीं टूटे. वाहनों की अधिक भार क्षमता के कारण सड़क टूटने का खतरा बढ़ता है. इस पर कंट्रोल के लिए यह सिस्टम अपनाया गया है. टॉल नाके की वेट मशीन की रीडिंग पर आपत्ति होने की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक टॉल कांटा भी बनाये गये हैं, जिस पर फिक्स वजन किया जायेगा. ओवरलोडिंग वाले वाहनों को टॉल प्लाजा होकर गुजरने नहीं दिया जायेगा. क्षमता से अधिक माल उतारने के बाद ही आगे जाने देने का प्रावधान है. जुर्माना देने के बाद ही वाहन को छोड़ा जायेगा.
इस नियम से ओवरलोडिंग पर रोक लगेगी. ओवरलोडिंग के कारण सड़क जल्द टूट जाती है. बाहर से आने-जाने वाले वाहन तो कुछ नियमों का पालन भी करते हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर बालू व गिट्टी लदे ट्रक पर क्षमता से काफी अधिक लोड किया जाता है. इस पर अंकुश लगना जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए गजट में इसका प्रावधान कर दिया गया है.
प्रभात रंजन पांडेय, प्रबंधक तकनीक, एनएचएआइ

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