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छात्रों के हंगामे की भेंट चढ़ी सिंडिकेट की बैठक

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में मंगलवार को प्रस्तावित सिंडिकेट की बैठक छात्रों के हंगामे के भेंट चढ़ गयी. परीक्षा विभाग में सुधार व वोकेशनल पार्ट वन व पार्ट टू के कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी के विरोध में पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्रों ने हंगामा किया. कुलपति डॉ रवि वर्मा व […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में मंगलवार को प्रस्तावित सिंडिकेट की बैठक छात्रों के हंगामे के भेंट चढ़ गयी. परीक्षा विभाग में सुधार व वोकेशनल पार्ट वन व पार्ट टू के कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी के विरोध में पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्रों ने हंगामा किया. कुलपति डॉ रवि वर्मा व कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला के समझाने के बाद वे बैठक होने देने को तैयार हुए, पर तभी छात्र समागम के बैनर तले दर्जनों छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया. वे लोग भी वोकेशनल पार्ट वन व पार्ट टू के रिजल्ट में गड़बड़ी का विरोध कर रहे थे. इसको लेकर अभाविप व छात्र समागम के कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी की स्थिति बन आयी. हालात बिगड़ते देख कुलपति डॉ रवि वर्मा ने अधिकारियों व सिंडिकेट सदस्यों से विचार-विमर्श के बाद बैठक स्थगित करने का फैसला लिया. इसके बाद सभी अधिकारी सेंट्रल लाइब्रेरी परिसर से कुलपति आवास लौट आये.
अधिकारियों के लौटते ही छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. वे लोग विरोध प्रदर्शन करते व नारे लगाते हुए विवि प्रशासनिक भवन पहुंचे. वहां कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को बाहर निकालते हुए जबरन विवि बंद करा दिया. बाद में वे सभी प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गये. हालांकि कुछ देर बाद बिहार राज्य विवि एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर सैकड़ों कर्मचारियों का जत्था प्रदर्शन करते हुए मौके पर पहुंचे. इसके थोड़ी देर बाद ही छात्र वहां से लौट गये.
सीनेट हॉल तक नहीं जा सके अधिकारी : सीनेट हॉल में सिंडिकेट की बैठक सुबह ग्यारह बजे से प्रस्तावित थी. कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व विकास अधिकारी डॉ कल्याण झा सेंट्रल लाइब्रेरी पहुंचे. उस समय परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, एमएलसी महाचंद्र सिंह, एमएलसी डॉ नरेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ मोती सिंह, डॉ तौकीर आलम सहित अन्य सिंडिकेट सदस्य तय समय पर सेंट्रल लाइब्रेरी पहुंचे. ठीक इसी समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बैनर के साथ मौके पर पहुंचे व विवि प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए पहले सीनेट हॉल तक पहुंच गये. बाद में सभी छात्र सेंट्रल लाइब्रेरी के मुख्य द्वार पर पहुंचे व धरने पर बैठ गये. इस दौरान सभी अधिकारी मूकदर्शक बने रहे. छात्र लगातार ‘ .. वीसी वापस जाओ’, ‘टीए-डीए का लेखा है, सिंडिकेट धोखा है’ जैसे नारे लगाते रहे.
छात्रों से मिल सुनेंगे उनकी राय : हंगामे के बीच कुलपति डॉ रवि वर्मा व कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने छात्रों के साथ वार्ता भी की. इस दौरान कुलपति ने 23 जनवरी को अभाविप के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई अपनी वार्ता का हवाला दिया. उन्होंने कहा, वार्ता में तय हुआ था कि सिंडिकेट की बैठक के बाद वे उनके साथ वार्ता करेंगे व उनकी राय सुनेंगे. प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता के कुछ हिस्से को सिंडिकेट की बैठक के एजेंडा में भी शामिल किया गया है. बाद में छात्रों की मांग पर उन्होंने 31 जनवरी को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया.
.. तो हटेंगे कोर्स समन्वयक हटेंगे! : हंगामे के दौरान एसएनएस कॉलेज मोतिहारी के फिश एंड फिशरीज के छात्रों ने कोर्स समन्वयक पर कई गंभीर आरोप लगाये. उनका आरोप था कि वे छात्रों से नाजायज पैसे वसूलते हैं. टूर के नाम पर छात्रों से जो पैसे लिये, उस राशि से उन्होंने खुद ‘टूर’ किया. प्रैक्टिकल की परीक्षा के लिए भी छात्रों से पैसे वसूले गये. कुलसचिव ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि वे मामले की जांच करेंगे. एसएनएस कॉलेज के प्राचार्य से भी बात किया जायेगा. यदि गड़बड़ी हुई है, तो कोर्स समन्वयक को उनके पद से हटा दिया जायेगा.

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