बाढ़ में डूबी ‘जिंदगी’

मुजफ्फरपुर : सीतामढ़ी के बहुचर्चित कंचन बाला कांड में राज्य मानवाधिकार आयोग ने पीड़ित परिवार के लिए बड़ा फैसला दिया है. आयोग के फैसले के बाद कंचन बाला के पिता उदयकांत झा को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बिलाल नाजकी ने मुआवजे की राशि को दो महीने के अंदर भुगतान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 6:24 AM

मुजफ्फरपुर : सीतामढ़ी के बहुचर्चित कंचन बाला कांड में राज्य मानवाधिकार आयोग ने पीड़ित परिवार के लिए बड़ा फैसला दिया है. आयोग के फैसले के बाद कंचन बाला के पिता उदयकांत झा को तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश बिलाल नाजकी ने मुआवजे की राशि को दो महीने के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया है. 30 अगस्त को आयोग ने यह फैसला दिया है. आयोग ने अपने

कंचन बाला के…
फैसले से गृह विभाग के प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक व सीतामढ़ी एसपी को अवगत करा दिया है. साथ ही, राज्य मानवाधिकार आयोग के सहायक निबंधक ने पत्र जारी कर गृह विभाग, पुलिस विभाग व सीतामढ़ी के एसपी से 4 नवंबर 2016 तक पीड़ित परिवार को दिये गये लाभ से संबंधित कार्रवाई की अंतिम रिपोर्ट भी मांगी है.
कार्रवाई से पुलिस ने खींचा था हाथ
यह घटना उस वक्त हुई थी जब कंचन बाला स्नातक की पढ़ाई कर रही थी. इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों से वह लगातार प्रताड़ित हो रही थी. इससे तंग आकर उसने बदमाशों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उन लोगों के विरुद्ध चार्जशीट की कार्रवाई हुई थी. इनमें से कई दोषी भी पाये गये थे. लेकिन पुलिस ने बदमाशों पर कोई कार्रवाई नहीं की. और प्रताड़ना जारी रहा. जांच के दौरान आयोग ने पाया कि पीड़िता की जीवन रक्षा के लिए उचित कार्रवाई पुलिस ने नहीं की. प्रताड़ना जारी रहा. 23 अगस्त 2012 को मौत को गले लगा लिया. इस मामले में रून्नीसैदपुर थाना कांड संख्या 386/12 दर्ज हुआ था. सीएम के आदेश के बाद आइजी ने इस मामले की जांच की थी.
कैरियर पर लगा काला धब्बा, वेतनवृद्धि भी रोका
आयोग ने यह कार्रवाई आइजी की रिपोर्ट के आधार पर की है. मामले में थानाध्यक्ष, कांड के अनुसंधानक और एएसआइ पर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है. सेवा पुस्तिका में इन अधिकारियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. इन अधिकारियों का इंक्रीमेंट भी रोक दिया गया है. आयोग का कहना है कि इन पुलिस अधिकारियों पर इतनी कार्रवाई भी अपर्याप्त है. आयोग ने पुलिस अधिकारियों की कार्रवाई को असंवेदनशील व गैर जिम्मेदारीपूर्ण करार दिया है. इसके कारण लड़की ने जिंदगी जीने के बदले मौत को गले लगाना बेहतर समझा.
राज्य मानवाधिकार आयोग ने सुनाया फैसला
दो महीने में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का दिया आदेश
आयोग ने पुलिस पदाधिकारियों से नवंबर तक मांगी रिपोर्ट
सीएम के आदेश के बाद आइजी ने की थी मामले की जांच
हेड कांसटेबल की पुत्री होने
के बाद भी कार्रवाई नहीं
21 वर्षीय कंचन बाला सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के हरसिंहपुर गांव निवासी उदय कांत झा की पुत्री थी. प्रताड़ना के बाद 23 अगस्त 2012 को आत्महत्या कर ली थी. कंचन बाला के पिता उदय कांत झा पुलिस विभाग में हेड कांसटेबल के पद पर कार्यरत हैं. इनके पुलिस विभाग में कार्यरत रहने के बाद भी पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई उचित कार्रवाई नहीं की.
इस मामले में कंचन बाला के भाई मनीष कुमार ने राज्य मानवाधिकार आयोग को पूरी भेजकर न्याय की मांग की थी.
मृतकों के आश्रितों को
पांच-पांच लाख रुपये

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