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पहेली बनी रंजना भादुड़ी के नौकर की हत्या

मुजफ्फरपुर: शहर के चर्चित रंजना भादुड़ी के नौकर राजेंद्र राय हत्याकांड में कौन दोषी है. किसके इशारे पर, किसने हत्या की. पुलिस इसका पता घटना के दस महीने में भी नहीं लगा सकी है. तत्कालीन डीएसपी उपेंद्र कुमार यादव ने जो पर्यवेक्षण रिपोर्ट बनायी है. उसमें अज्ञात को दोषी माना गया है. डीएसपी ने अपनी […]

मुजफ्फरपुर: शहर के चर्चित रंजना भादुड़ी के नौकर राजेंद्र राय हत्याकांड में कौन दोषी है. किसके इशारे पर, किसने हत्या की. पुलिस इसका पता घटना के दस महीने में भी नहीं लगा सकी है.

तत्कालीन डीएसपी उपेंद्र कुमार यादव ने जो पर्यवेक्षण रिपोर्ट बनायी है. उसमें अज्ञात को दोषी माना गया है. डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में एमएलसी दिनेश सिंह से पूछताछ का जिक्र तक नहीं किया है, जबकि इस मामले में एमएलसी से दो बार पूछताछ हुई थी. इस मामले में जमीन कारोबारी ब्रजेश सिंह, मैनजुद्दीन, डॉलर साहब से भी पूछताछ हुई थी. उसके नाम की चर्चा भी पर्यवेक्षण रिपोर्ट में नहीं है.

नगर डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, वह मौके पर तीन बार गये. पहला, घटना के दिन यानी पांच मार्च 2013 को, तब वहां मामले के जांचकर्ता काजीमोहम्मदपुर के दारोगा उपेंद्र कुमार सिंह भी मौजूद थे. इसके बाद एक अगस्त को उन्होंने फिर से मौके का दौरा किया था. इसके बाद बीती तीस दिसंबर को भी डीएसपी रंजना भादुड़ी के घर गये थे, क्योंकि यहीं पर राजेंद्र को गोली मारी गयी थी, जिससे उसकी मौत हुई थी.

अपनी रिपोर्ट में डीएसपी ने मौके का पूरा ब्योरा दिया है. साथ ही ये भी बताया है, किस हालत में राजेंद्र का शव मिला था. उन्होंने रंजना भादुड़ी के हवाले से लिखा है. पांच मार्च को जब राजेंद्र को गोली मारी गयी थी, तब उसकी आवाज एलएस कॉलेज में रहनेवाले गार्ड व उसकी पत्नी ने सुनी थी, लेकिन रंजना को गोली की आवाज सुनायी नहीं दी थी, क्योंकि वह अपने कमरे में सो रही थीं. उन्हें उस समय घटना का पता चला, जब राजेंद्र यह कहते हुये आवाज लगा रहा था, भाभी जी मुङो किसी ने गोली मार दी है.

राजेंद्र की आवाज सुन कर जब रंजना अपने कमरे से बाहर निकली तो उन्होंने देखा राजेंद्र दरवाजे के पास गिरा हुआ था. खून से उसका शर्ट व पयजामा भीग गया था, तब रंजना ने राजेंद्र से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन वह कुछ नहीं बोल पाया था. इसके बाद उन्होंने 100 नंबर पर पुलिस व एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर फोन किया, लेकिन दोनों जगह फोन नहीं लगा. इसके बाद इन्होंने देखा तो वहां एलएस कॉलेज का गार्ड व इनके घर के पास रहनेवाला भुलुआ खड़े थे. इन्होंने दोनों से पुलिस का नंबर मांगा, लेकिन इन दोनों के पास भी पुलिस का नंबर नहीं था.

रंजना भादुड़ी ने डीएसपी को पूछताछ में बताया, उनकी शादी 1990 में हुई थी. उनकी एक बेटी है, जो बाहर रह कर पढ़ती है. राजेंद्र इनके यहां लगभग दस साल से काम करता था. उस समय इनके पति देवाशीष भादुड़ी जिंदा थे. रंजना ने बताया, इनका ससुर उस समय कहते थे, जिस घर में वे रहती हैं. उसकी सारी जमीन उन्हीं के नाम है, लेकिन जिस जमीन में मकान है. उसको लेकर रंजना का पारिवार में विवाद चल रहा था. सुब्रत भादुड़ी व अन्य की ओर से इसको लेकर कोर्ट में केस दर्ज किया गया था. जो अभी चल रहा है.

रंजना ने अपने बयान में डीएसपी को बताया, उन्होंने इसको लेकर काजीमोहम्मदपुर थाने में 2012 में ही एक मामला दर्ज कराया था. साथ ही उन्होंने कहा, उनके ससुराल के लोगों ने जमीन दिनेश सिंह के बेटा व बेटी के नाम से लिख दिया है. रंजना ने ये भी बताया, घटना से कुछ दिन पहले उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी, वह जिस मकान में रहती है. उसकी प्लाटिंग का पर्चा एलएस कॉलेज के मुख्य द्वार पर लगाया गया था, जिसमें कहा गया था, प्लाट लेने के इच्छुक लोग मोबाइल- 7857009495 पर संपर्क कर सकते हैं.

पर्चा चिपकने के बाद लोग जमीन देखने के लिए उनके मकान पर आते थे. जिन्हें राजेंद्र राय बताता था, इस जमीन का विवाद चल रहा है. ये जानने के बाद लोग वापस चले जाते थे. घटना के चार-पांच दिन पहले जमीन देखने आये किसी युवक ने राजेंद्र को जमीन के बारे में कुछ भी बोलने से मना किया था. रंजना ने अपने बयान में राजेंद्र की हत्या की शंका किसी पर भी व्यक्त नहीं की.

वहीं, डीएसपी ने राजेंद्र के ससुर बुधन राय का बयान लिया, जिन्होंने अपने बयान में कहा, उनका दामाद उनके साथ ही रहता था, लेकिन देवाशीष भादुड़ी की मौत के बाद से वह कम ही उनके यहां आता था, क्योंकि रंजना भादुड़ी की ओर से ज्यादा छुट्टी नहीं दी जाती थी, जब वह उनके घर आता भी था, तो रंजना उसे वापस बुला लेती थी. यही बात राजेंद्र के भाई महेंद्र ने भी अपने बयान में कही. दोनों ने डीएसपी को बताया, वह लोग रंजना के यहां काम करने से राजेंद्र को मना करते थे, क्योंकि उन लोगों ने इस बात का पता चल गया था, जिस मकान में वह रहती हैं. उसको लेकर केस चल रहा है, लेकिन राजेंद्र कहता था. हम किसी से नहीं डरते हैं.

एलएस कॉलेज के गार्ड मृत्युंजय ने अपने बयान में कहा, वह रोज की तरह घटना के दिन सुबह कॉलेज के मैदान में टहल रहे थे. इसी दौरान गोली का आवाज सुनायी दी. इसके बाद वह कैंपस के बाहर निकले तो अपने निवास के बाहर रंजना को खड़ा देखा. इन्होंने जब रंजना से पूछा, तो उन्होंने कहा, किसी ने राजेंद्र को गोली मार दी है.

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