बुरे फंसे पीएचइडी के तत्कालीन मुख्य अभियंता

मुजफ्फरपुर. : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) के तत्कालीन मुख्य अभियंता टेंडर में धांधली और मनमानी के आरोपित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता को बचाने के आरोप में फंस गये हैं. इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. राज्यपाल के आदेश से विभाग के अपर सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने विभागीय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 4:15 AM

मुजफ्फरपुर. : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) के तत्कालीन मुख्य अभियंता टेंडर में धांधली और मनमानी के आरोपित तत्कालीन अधीक्षण अभियंता को बचाने के आरोप में फंस गये हैं. इन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. राज्यपाल के आदेश से विभाग के अपर सचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह ने विभागीय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. आरोप है कि अपने कार्यकाल में तत्कालीन मुख्य अभियंता अशोक कुमार जायसवाल ने सरकार को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले दरभंगा के अधीक्षण अभियंता की गरदन को बचाया था. विभाग ने जांच कमेटी बनाते हुए इन पर आरोप गठित कर दिया है. इन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है. अपना लिखित बयान विभाग को नहीं सौंपते हैं तो विभाग फिर आगे की कार्रवाई करेगा.

अशोक कुमार जायसवाल लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल, मुजफ्फरपुर में अधीक्षण अभियंता के पद पर कार्यरत थे. हालांकि वे अभी सेवानिवृत्त हो चुके हैं. अपने कार्यकाल में इन्होंने दरभंगा में अधीक्षण अभियंता के पद पर कार्यरत कमल किशोर शर्मा को बचाया था. श्री शर्मा पर टेंडर के आवंटन में धांधली व मनमानी का आरोप था. जायसवाल ने वित्त से जुड़े इस गंभीर मामले की जांच को दबाकर रखा. सरकार को इनके कार्य से वित्तीय क्षति हुई. बार-बार निर्देश के बाद भी इन्होंने जांच रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी. यह बात जब सरकार के संज्ञान में आयी तो विभाग ने कार्रवाई का निर्णय लिया. आरोप प्रमाणित पाये जाने के बाद आरोप पत्र गठित कर बिहार पेंशन नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया है.
बिहार के राज्यपाल के आदेश के बाद जांच संचालन पदाधिकारी व विभाग के विशेष अधिकारी अजय कुमार सिन्हा इस मामले की देखरेख करेंगे. जांच पदाधिकारी बिहार पेंशन नियमावली के नियम के तहत जांच कार्य करेंगे. निर्धारित समय सीमा के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे.

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