पैरोल पर रिहाई का नियम बदला
मुजफ्फरपुर : अब बंदियों को पैरोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति आसानी से नहीं मिलेगी. सेंट्रल जेल में पैरोल के नियम सख्त कर दिये गये हैं. अबतक हर प्रकार के कैदियों को पैरोल पर छुट्टी दी जाती रही है. इनमें आतंक व टाडा कानून के तहत सजा पाये दोषी भी शामिल होते थे. […]
मुजफ्फरपुर : अब बंदियों को पैरोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति आसानी से नहीं मिलेगी. सेंट्रल जेल में पैरोल के नियम सख्त कर दिये गये हैं. अबतक हर प्रकार के कैदियों को पैरोल पर
छुट्टी दी जाती रही है. इनमें आतंक व टाडा कानून के तहत सजा पाये दोषी भी शामिल होते थे.
लेकिन अब दुष्कर्म सहित करीब सात श्रेणियों के दोषियों के लिए पैरोल की सुविधा बिल्कुल बंद कर दी गयी है. इनमें डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी व आजीवन कारावास में सजा काट रहे बंदी शामिल हैं. जेल नियमावली में यह बदलाव पैरोल पर छोड़े जाने के बाद वापस न आने के कारण करना पड़ा है.
इसके अलावा पैरोल की अवधि भी अधिकतम 90 दिन से घटाकर 45 दिन कर दी गयी है. पैरोल पर नियम सख्त करने के बाद शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में दुष्कर्म, डकैती और नशीले पदार्थों की तस्करी में बंद बंदियों की सूची तैयार की जा रही है. इन बंदियों की सूची तैयार कर उसे मुख्यालय भेजा जायेगा. इसकी एक कॉपी जेल में भी रहेगी.