चार दिन की रेकी के बाद पकड़ा गया दारोगा

मुजफ्फरपुर : काजीमुहम्मदपुर में पदस्थापित दारोगा अरुणंजय कुमार को रिश्वत लेते दबोचने के लिए पिछले चार दिनों से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम रेकी कर रही थी. रिश्वत लेते विजिलेंस टीम के हाथों पकड़ा गया अरुणंजय ने बचने की भरपूर कोशिश की, लेकिन पहले से सतर्क टीम ने अंतत: उसे दबोच लिया. 15 सितंबर से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 6:00 AM

मुजफ्फरपुर : काजीमुहम्मदपुर में पदस्थापित दारोगा अरुणंजय कुमार को रिश्वत लेते दबोचने के लिए पिछले चार दिनों से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम रेकी कर रही थी. रिश्वत लेते विजिलेंस टीम के हाथों पकड़ा गया अरुणंजय ने बचने की भरपूर कोशिश की, लेकिन पहले से सतर्क टीम ने अंतत: उसे दबोच लिया.

15 सितंबर से शहर में कैंप कर रही थी विजिलेंस टीम : जमीन के विवाद में हुए मारपीट में जमानत देने के नाम पर ओमप्रकाश कुमार, उसकी पत्नी रीता तिवारी व पुत्र अभिमन्यु को परेशान करनेवाले दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ने के लिए विजिलेंस की टीम 12 सितंबर से ही लगी थी. 14 सितंबर को पीड़िता रीता देवी ने उक्त दारोगा पर एक लाख के रिश्वत मांगने का इल्जाम लगाया था. पिछले गुरुवार को आरोपों के सत्यापन के लिए टीम के एक सदस्य पुलिस निरीक्षक भीम सिंह यहां पहुंच गये थे.
शुक्रवार को भीम सिंह व रीता देवी उसके पास गये. उसने रीता देवी को अंदर मुंशी के कमरे में बुलाकर रिश्वत के लिए बातचीत की. लेकिन रिश्वत के रुपये देने के लिए समय व जगह तय नहीं किया. इसी तरह शनिवार को भी उसने चकमा दे दिया. रविवार को तीसरे दिन अूरुणंजय ने भीम सिंह के समक्ष रीता देवी से एक लाख रुपये रिश्वत की पहली किस्त सोमवार को चार बजे लेकर आने का फरमान सुना दिया. इस आशय की जानकारी उन्होंने टीम का नेतृत्व कर रहें डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार को दे दी.
बेहोशी का नाटक, फिर रुपये फेंक भागने का प्रयास
सोमवार को शाम चार बजे भीम सिंह के साथ रीता तिवारी थाने पर पहुंची. अरुणंजय थाने के बरामदे पर कुर्सी पर बैठा था. रीता को देखते ही उसने बाहर चलने का इशारा किया. थाने से बाहर निकलते ही उनसे दस हजार रुपये ले लिये और उसकी गिनती करने लगा. उसको दबोचने के लिए डीएसपी के नेतृत्व में घात लगाये पुलिस निरीक्षक सुधीर कुमार, अमरनाथ सिंह, संजीव कुमार व शशिकांत ने उसे घेर लिया. अज्ञात लोगों से घिरते देख उसे शक हो गया. रुपयों को सड़क पर फेंक बेहोशी का नाटक करने लगा.
उसे बेहोश होते देख टीम की पकड़ जब ढीली पड़ी तो वह चप्पल खोल फरार होने का प्रयास किया. लेकिन इस स्थिति के लिए पहले से सतर्क टीम ने उसे दबोच लिया. वह हाथ-पांच चलाने लगा और गलत फंसाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. उसके चिल्लाने पर वहां भीड़ जुट गयी. इसके बाद विजिलेंस टीम उसे आनन-फानन में अपनी गाड़ी में धकेल पटना के लिए रवाना हो गयी.

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