रिपोर्ट बनाने में ही गायब हो गयी पांच एकड़ जमीन
सिकंदरपुर मन. अमीनों की नाप पर उठ रहे सवाल रिविजनल सर्वे के अनुसार मन का कुल रकबा 120.84 एकड़ था, लेकिन तब अमीनों ने जिला प्रशासन को नक्शा पैमाइश की जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें मन का कुल रकबा 115.84 एकड़ ही बताया. मुजफ्फरपुर : रिविजनल सर्वे (आरएस) के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के दौरान […]
सिकंदरपुर मन. अमीनों की नाप पर उठ रहे सवाल
रिविजनल सर्वे के अनुसार मन का कुल रकबा 120.84 एकड़ था, लेकिन तब अमीनों ने जिला प्रशासन को नक्शा पैमाइश की जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें मन का कुल रकबा 115.84 एकड़ ही बताया.
मुजफ्फरपुर : रिविजनल सर्वे (आरएस) के आधार पर रिपोर्ट तैयार करने के दौरान ही सिकंदरपुर मन की पांच एकड़ जमीन गायब हो गयी. सर्वे के अनुसार मन का कुल रकबा 120.84 एकड़ था, लेकिन तब अमीनों ने जिला प्रशासन को नक्शा पैमाइश की जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें मन का कुल रकबा 115.84 एकड़ ही बताया. इसका खुलासा कैडेस्टल सर्वे (सीएस) व रिविजनल सर्वे मैप के अनुसार तुलनात्मक नक्शा तैयार करने के दौरान हुआ है. तुलनात्मक नक्शा कुल आठ शीटों में है.
सोमवार को जिला प्रशासन की ओर से यह रिपोर्ट प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद को सौंप दी गयी है. इसमें इसे अमीनों की भूल बताया गया है. हालांकि इसके पीछे किसी ‘खेल’ से इनकार नहीं किया जा सकता है. अभी तीन दिन पूर्व ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मन की जमीन बेच लिये जाने के मामले में अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल होने से इस आशंका को बल मिल रहा है. नयी रिपोर्ट कैडेस्टल सर्वे से रिविजनल सर्वे होने तक गायब 29.72 एकड़ जमीन की तलाश के लिए तैयार की गयी है. कैडेस्टल सर्वे के अनुसार, पहले सिकंदरपुर मन का कुल रकवा 145.56 एकड़ माना जा रहा था. लेकिन अब यह 149.29 एकड़ हो गया है.
10.70 एकड़ जमीन अब रैयतों के नाम
जिला प्रशासन की ओर से प्रमंडलीय आयुक्त को जो रिपोर्ट सौंपी गयी है, उसके अनुसार रिविजनल सर्वे में मन का कुल रकवा 120.84 एकड़ है. कैडेस्टल सर्वे में यह 149.29 एकड़ था. यानी रिविजनल सर्वे तैयार होने तक मन की 28.84 एकड़ जमीन गायब हो गयी. दोनों सर्वे के नक्शा की तुलना के आधार पर प्रशासन ने उक्त जमीन की तलाश कर ली है. रिपोर्ट के अनुसार, गायब जमीन अब 187 प्लॉट में तब्दील हो चुका है. इसमें से 17.75 एकड़ जमीन बिहार सरकार या किसी अन्य सरकारी विभाग के नाम हो चुकी है. वहीं शेष 10.70 एकड़ जमीन रैयतों के नाम पर है.
भूल बता झाड़ा पल्ला
एकड़ जमीन अब
रैयतों के नाम
स्थानांतरित जमीन का होगा भौतिक सत्यापन
सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त अुतल प्रसाद ने मन की अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने व उसके सौंदर्यीकरण के लिए जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की. इसमें प्रशासन की ओर से तैयार, दोनों सर्वे की तुलनात्मक रिपोर्ट भी रखी गयी. इसमें रिविजनल सर्वे के दौरान मन की 28.84 एकड़ जमीन जिन 187 रैयतों के नाम स्थानांतरित हुई, उसकी भी रिपोर्ट शामिल थी. प्रमंडलीय आयुक्त ने जिला प्रशासन को चिह्नित उन सभी जमीन के टुकड़ों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने को कहा. इसके लिए जल्दी ही प्रशासन की टीम चिह्नित स्थलों का निरीक्षण कर यह पता लगायेगी की रिविजनल सर्वे में जो जमीन रैयतों के नाम स्थानांतरित हुई है, उसकी वर्तमान स्थिति क्या है. क्या उस पर कोई मकान बना है, या फिर वह परती है!