बीमारी व गरीबी से जूझ रही महिला ने दम तोड़ा

मुजफ्फरपुर : हियापुर थाने के कोल्हुअा पैगम्बरपुर पंचायत के कदम चौक निवासी महिला खैरून खातून की गुरुवार की दोपहर मौत हो गयी. वह टीबी की मरीज थी. पिछले तीन माह से कांटी पीएचसी में उसका इलाज चल रहा था. खैरून की मौत के बाद उसके चार छोटे-छोटे बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2016 1:46 AM

मुजफ्फरपुर : हियापुर थाने के कोल्हुअा पैगम्बरपुर पंचायत के कदम चौक निवासी महिला खैरून खातून की गुरुवार की दोपहर मौत हो गयी. वह टीबी की मरीज थी. पिछले तीन माह से कांटी पीएचसी में उसका इलाज चल रहा था. खैरून की मौत के बाद उसके चार छोटे-छोटे बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

परिवार का जीवन-यापन खैरून चौका-बर्तन से करती थी. उसके बच्चे अभी इस लायक नहीं हैं कि मजदूरी कर जीवन-यापन कर सकें. दस वर्ष पूर्व इंदिरा आवास के तहत उसका घर बना था. मुखिया पति वकील सहनी बताते हैं कि खैरून का नाम बीपीएल या अंत्योदय योजना में नहीं है. बिहार सरकार की आर्थिक जनगणना के बाद उसका नाम एपीएल में हो गया. इससे उसे राशन नहीं मिलता है. पहले तो उसे डीलर से कह कर राशन दिला देते थे, लेकिन तीन माह से वह नहीं आयी थी. इससे उसे राशन नहीं दिया जा सका.

खाने के लिए जाते हैं स्कूल. खैरुन के पुत्र मो मुसलिम गांव के सरकारी स्कूल में चौथी का छात्र है, उसे स्कूल का नाम तो नहीं याद है, पर बताता है कि स्कूल में उसे खाना दिया जाता है. इसके लिए वह हर रोज स्कूल जाता है. बहन रेहाना व रौशनी भी वहीं पढ़ती है.
पति के मरने के बाद से ही कर रही मजदूरी. पांच वर्ष पूर्व खैरुन के पति हकीम की मौत हो गयी थी. उसके बाद वह पड़ोस के घरों में चौका-बर्तन कर बच्चे को पाल रही थी.
उसी दौरान जब उसकी तबीयत ठीक नहीं रहने लगी, तो पीएचसी में जांच कराया. चिकित्सक ने टीबी होने के बात बतायी. तीन माह पूर्व से ही उसका टीबी का इलाज चल रहा था. कमजाेरी के कारण चिकित्सक ने बेड रेस्ट की सलाह दी. तब से घर पर ही उसका इलाज चल रहा था.

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