सरकारी भवनों में शराब पीते पहले भी पकड़े गये हैं कई
मनमानी. शराब पीने व स्टोरेज के लिए हो रहा इस्तेमाल मुजफ्फरपुर : यूं तो अवैध धंधे के लिए लावारिस सरकारी भवनों का उपयोग एक लंबे अरसे से किया जा रहा है. सरकारी भवनों पर कब्जा जमाये अपराधी और अवैध धंधेबाजों के गिरफ्तारी के बाद भी जिला और पुलिस प्रशासन सचेत नहीं हो सकी है. सरकारी […]
मनमानी. शराब पीने व स्टोरेज के लिए हो रहा इस्तेमाल
मुजफ्फरपुर : यूं तो अवैध धंधे के लिए लावारिस सरकारी भवनों का उपयोग एक लंबे अरसे से किया जा रहा है. सरकारी भवनों पर कब्जा जमाये अपराधी और अवैध धंधेबाजों के गिरफ्तारी के बाद भी जिला और पुलिस प्रशासन सचेत नहीं हो सकी है. सरकारी भवनों पर कब्जा कर उसके बार-बार दुरुपयोग की जानकारी मिलने के बाद भी प्रशासन का इसके प्रति उदासीन रवैया अवैध धंधेबाजों के लिए मौन स्वीकृति प्रतीत हो रहा है. इधर शराबबंदी के बाद तो इसके सेवन व स्टोरेज के लिए सरकारी भवन इससे जुड़े लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. उत्पाद व पुलिस विभाग की छापेमारी में इसका खुलासा भी हुआ है.
साहेबगंज के रामपुर उच्च विद्यालय के कमरे पर कब्जा कर शराब सेवन करने का मामला कोई नया नहीं है. इसके पहले भी शराब के सेवन व उसके स्टोरेज के लिए सरकारी भवनों का उपयोग होता रहा है. कुछ ही दिन पूर्व 11 अक्तूबर को उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों ने कटरा के तेहवारा गांव स्थित सरकारी उपस्वास्थ्य केंद्र पर छापेमारी कर उसके कमरे से तीन कार्टन में कुल 38 बोतल विदेशी शराब जब्त की थी. विभाग ने अवैध शराब विक्रेता दिनेश सिंह पर प्राथमिकी दर्ज की थी.
छापेमारी के लिए गयी टीम को उपस्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक दर्जन से भी अधिक खाली कार्टन फेंका मिला. इससे यह साबित हो रहा था कि यहां काफी दिनों से शराब का अवैध कारोबार हो रहा था. उत्पाद विभाग की टीम उपस्वास्थ्य केंद्र के समीप स्थित एक आंगनबाड़ी केंद्र के कमरों की भी तलाशी ली. आंगनबाड़ी केंद्र के कमरों में भूसा भरा हुआ था. लेकिन स्थानीय लोग आंगनबाड़ी केंद्र के उक्त भवन में भी शराब के स्टोरेज किये जाने की जानकारी पुलिस को दी थी.
स्वास्थ्य विभाग व विद्यालय के भवनों का किया जा रहा उपयोग
नेकनामपुर में भी स्वास्थ्य उपकेंद्र में ही बनायी जा रही थी अवैध शराब
जहरीले शराब के सेवन से 12 लोगों की हुई थी मौत
शराब बंदी के बाद कटरा के उपस्वास्थ्य केन्द्र से बरामद हुई विदेशी शराब की कार्टून
-शराब के स्टोरेज व सेवन के लिए कई सरकारी भवनों पर है दबंगों का कब्जा
उपस्वास्थ्य केंद्र में निर्मित जहरीली शराब से ही हुई थी नेकनामपुर घटना
पारू के नेकनामपुर व उस्ती सिंगाहीं गांव में जहरीले शराब के सेवन से वर्ष 2012 में एक दर्जन से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद वहां जमकर हंगामा हुआ था. सरकार की काफी बदनामी भी हुई थी. बाद में जांच के दौरान गांव स्थित एक लावारिस उपस्वास्थ्य केंद्र में ही बने जहरीले शराब के सेवन से लोगों के मृत्यु की पुष्टि हुई थी. मामले की जांच भी हुई. लेकिन आखिर किसकी इजाजत से उक्त सरकारी भवन पर यह अवैध धंधा संचालित था, इसका खुलासा आजतक नहीं हो सका है. मामले के आरोपियों के विरुद्ध भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
अवैध शराब या अवैध हथियार सहित अन्य सामानों की बरामदगी
कटरा के तेहवाड़ा स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र से विदेशी शराब की बोतलें बरामद होने की घटना एक बार फिर नेकनामपुर घटना की याद दिला रही है. इससे साफ-साफ झलक रहा है कि जिला या पुलिस प्रशासन उक्त घटना से कोई सबक नहीं ले सकी है. यहीं कारण है कि लगातार सरकारी भवनों से अवैध शराब या अवैध हथियार सहित अन्य
सामानों की बरामदगी हो रही है. गौरतलब हो कि प्रदेश में शराबबंदी के बाद तस्कर इसके लिए सुरक्षित ठिकानों की तलाश में लग गये थे. इसके पूर्व सदर थाना स्थित रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर से उत्पाद विभाग ने छापेमारी कर 22 कार्टन से भी अधिक शराब के साथ ही चार लोगों को गिरफ्तार किया था. सदर थाना के भगवानपुर व अहियापुर के पटियासा स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र भवन के आधे से अधिक हिस्से पर अभी भी स्थानीय लोगों का कब्जा है. लेकिन प्रशासन इस बात की जानकारी होने के बाद भी चुप्पी साधे हैं.