मुजफ्फरपुर जेई हत्याकांड : अधजली कुरसी व कैंपस की वीरानगी बयां कर रही थी निर्मम हत्या की कहानी

मुजफ्फरपुर : चारों ओर से घिरा कैंपस. मेन गेट पर लगा एक बड़ा सा ग्रिल और अंदर कम्पाउंड और कमरों में बिखरे शव के अवशेष, पास में रखी अधजली कुरसी और चप्पल निर्मम हत्या की कहानी चिख-चिख कर बता रही थी. शव की स्थिति को देख सोमवार की सुबह कोल्हुआ बजरंग नगर मुहल्ले के लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2016 12:42 PM

मुजफ्फरपुर : चारों ओर से घिरा कैंपस. मेन गेट पर लगा एक बड़ा सा ग्रिल और अंदर कम्पाउंड और कमरों में बिखरे शव के अवशेष, पास में रखी अधजली कुरसी और चप्पल निर्मम हत्या की कहानी चिख-चिख कर बता रही थी. शव की स्थिति को देख सोमवार की सुबह कोल्हुआ बजरंग नगर मुहल्ले के लोगों के होश उड़ गये.

उनके चेहरे पर निर्मम हत्या की झलक साफ दिख रही थी. कैंपस निकलते लोग सीधे अपने घर की ओर रुख कर ले रहे थे. कुछ लोग पहले जेइ सरिता कुमारी के घर की ओर देखता तो उनके ग्रिल बंद पाता, फिर उस कैंपस की ओर देख दबी जुबान कहता कि कहीं यह शव मुरौल में पदस्थापित जेइ सरिता कुमारी की तो नहीं है. पुलिस मामले में कुछ पूछताछ नहीं करे इसके लिये कुछ पड़ोसी अपने घरों में ताला जड़ गांव निकल गये.

तीन मंजिला मकान पड़ा वीरान

जिस निर्माणाधीन मकान में महिला का जला हुआ नर कंकाल मिला उससे 50 मीटर की दूरी पर जेइ सरिता कुमारी का तीन मंजिला मकान है. रविवार की शाम को मुहल्ले के लोगों ने जेइ सरिता कुमारी को अंतिम बार अपने घर से निकलते देखा. उस समय वह आसमानी रंग का समीज और क्रीम कलर की सलवार पहनी हुई थी. उसके बाद से मुहल्ले के लोगों को वह नजर नहीं आयी. सोमवार सुबह शव मिलने के बाद जब लोग उसकी खोजबीन शुरू की तो कुछ पता नहीं चल पाया. उसके मेन गेट पर ताला लटका, ग्रिल में आज का दैनिक अखबार फंसा हुआ था.

ऐसी घटना पहले कभी नहीं देखी

पड़ोसी कुमकुम पांडेय ने बताया कि सुबह के साढ़े सात बजे होंगे, जब विजय राय की शोर मचाने की आवाज सुनाई दी. घर से निकली तो वे बोल रहे थे कि उसके कैंपस में शॉट-सर्किंट से आग लग गई . इस बीच मेरा बेटा भी आ गया. जब अंदर जाकर देखा तो मेरा रुह कांप गया. ऐसी घटना पहले कभी नहीं देखा था. शरीर का पूरा अंग जल कर राख हो चुका था. बस कुछ वहां हड्डीया बची थी. कुमकुम का कहना है कि वह कल ही वैष्णो देवी से घर लौटी थी. शाम को अपने बेटे के हाथ से प्रसाद उनके यहां भिजवाई थी. उस समय वह घर पर ही थी.

पति से चल रहा था मनमुटाव

जेइ सरिता का अपने पति से मनमुटाव चल रहा था. उसका पति विजय कुमार नायक पिछल सात माह से बजरंग नगर स्थित आवास पर नहीं आये थे. वह सीतामढ़ी जिला के फुलकाहां स्थित आवास पर रहते थे. सरिता यहां अपने छोटे बेटे आर्यन के साथ रहती थी. उसका बड़ा बेटा दरभंगा में रहकर पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करता है. वहीं घटना के बाद अहियापुर थाना के सबइंस्पेक्टर विश्वमोहन जब उसके पति को घटना की जानकारी दी तो वे साफ- साफ पुलिस को जवाब दिया कि उसका सरिता से कोई मतलब नहीं है.

विजय ने भी थाने में दिया आवेदन

पुलिस हिरासत में लिये जाने के बाद सोमवार की देर शाम विजय ने थाने में एक लिखित आवेदन दिया. इसमें बताया कि सरिता उसके मकान में किराये पर लेकर उसमें अपना ऑफिस चलाती थी. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसी हत्या कर शव को जला दिया है. विजय के लिखित आवेदन के आधार पर भी पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है.

आखिर किसने की हत्या?

विजय के कमरे में मिला शव अगर सरिता का है, तो आखिर किसने की उसकी हत्या. क्या उसकी हत्या बाहर करके उसके शव को वहां रखकर जलाया गया. विजय के दिये बयान में कहा गया है किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी हत्या कर शव को जला दिया. हालांकि, पुलिस अभी भी बरामद शव को सरिता का नहीं मान रही है. उनका कहना है कि एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि किसका शव है. पुलिस के सामने बड़ी चुनौती बनके खड़ी हो गई है.

एसएसपी ने घटनास्थल पर जाकर मामले की जांच की

शव मिलने की सूचना के बाद सोमवार को एसएसपी विवेक कुमार मौके पर पहुंच मामले की जांच की. वहां से लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली. उस मकान के अंदर जाकर भी देखा जहां जला शव मिला था. करीब एक घंटे तक जांच के बाद वह वापस लौट गये.

पांच मोबाइल नंबर की सीडीआर निकालने को भेजा

अहियापुर पुलिस ने मौके से पांच मोबाइल नंबर को भी जब्त किया है. जिसमें दो मोबाइल नंबर महिला जेई सरिता कुमारी की है. वहीं अन्य तीन मोबाइल नंबर में एक मकान मालिक विजय कुमार गुप्त और दोनों बेटे आयर्न और ध्रुव का मोबाइल नंबर है. सीडीआर निकलने के बाद पुलिस को मामले की जांच में मदद मिलेगी.

बड़े बेटे को घर में चोरी होने की खबर दे पुलिस बुलायी

सरिता का बड़ा बेटा ध्रुव सोमवार की सुबह करीब ग्यारह बजे दरभंगा स्थित अपने पॉलिटेक्निक कॉलेज में था. उस समय अहियापुर पुलिस ने उसके मोबाइल पर कॉल किया. बताया कि उसके घर में भीषण चोरी हुई है. आपकी मम्मी घर पर नहीं है. जल्दी से घर पर आइये. पुलिस बयान दर्ज करने को बैठी हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद वह दोपहर को घर पहुंचा तो पुलिस शव के अवशेष को एकत्र कर अपने साथ ले जा रही थी. जब तक ध्रुव कुछ समक्ष पाता कि पुलिस उसे अपने साथ थाने ले गई फिर वहीं सारे मामले की जानकारी दी.

मकान मालिक है संदेह के घेरे में

मकान मालिक से पूछताछ की तो बताया कि शाम साढ़े सात बजे तक सरिता उस कमरे में अपना आॅफिस का काम कर रहीं थी. उसके बाद वह वहां से निकल गया. सुबह आया तो ग्रिल बाहर से बंद था. उसे धक्का देकर खोला तो अंदर कुछ जला हुआ दिखा. पहले लगा कि बिजली के शॉट सर्किट से आग लग गयी. लेकिन पास जाकर देखा तो एक जला हुआ शव था. शव किसका है इस पर वह कुछ बोल नहीं पाया. उसने पुलिस को बताया कि यह देख उसने तुरंत सरिता के मोबाइल पर फोन मिलाया मगर वह स्विच ऑफ मिला. वहीं विजय का खुद का मकान होने के कारण उसे किराये पर देकर खुद अपने परिवार के साथ थाना क्षेत्र के गर्म चौक पर किराये की मकान में रहना. विजय को संदेह के घेरे में डाल रहीं है.

मुहल्ले के लोगों ने चप्पल और कपड़ों के अवशेष से की पहचान

सोमवार की सुबह निर्माणाधीन मकान में नरकंकाल मिलने की बात पूरे मुहल्ले में आग की तरह फैल गई. पूरे दिन अटकलों का बाजार गर्म था कि आखिर यह जला शव किसका है. जिस मकान में शव मिला है उसमें मुरौल प्रखंड की जेई सरिता कुमारी अपना ऑफिसयल काम निपटाती थी. सुबह से ही सस्थानीय लोग व पुलिस उसके मोबाइल पर कॉल लगा रहीं थी. जो स्विच ऑफ बता रहा था. साथ ही शव के पास रखी एक जोड़ी लेडीज हवाई चप्पल से लोग यह मान बैठे थे कि यह शव सरिता कुमारी का शव है. दोपहर बाद एफएसएल जांच के बाद जब पुलिस शव के अवशेष को एकत्रित कर पोस्टमार्टम को एसकेएमसीएच ले जा रहीं थी. उस समय कुछ कपड़े के टुकरे को देख मुहल्ले की एक महिला ने उसकी पहचान की. हलांकि इसपर न तो उसका बेटा ध्रुव कुछ बोल पाया और ना ही उसकी मां कुसुम देवी. साथ ही अहियापुर पुलिस भी शव की पहचान पर कुछ खास बोल नहीं पा रहे है. उनका कहना है कि एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही शव की पहचान की जायेगी.

दस साल से सरिता के संपर्क में था विजय

सूत्रों की मानें तो विजय पिछले दस सालों से मनरेगा विभाग की जेई सरिता कुमारी के संपर्क में था. वह मनरेगा के विभिन्न योजनाओं का स्टीमेट बनाने का काम करता है. वह जेई के परिवार के सदस्य की तरह था. पिछले छह साल से सरिता विजय के निर्माणाधीन मकान को किराये में लेकर उसमें अपना ऑफिस चलाती थी. कुढ़नी प्रखंड से लेकर मुरौल प्रखंड के कार्यकाल का पूरा काम विजय ही देखता था.

घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला

पुलिस ने शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. इसमें जेइ ने अपने मां कुसुम के नाम पर लिखा है. जिसमें उसके मरने के बाद बच्चों का ख्याल रखने की बात कहीं गयी है. पुलिस नोट में लिखे हस्ताक्षर का सरिता के हैंड राइटिंग से मिलान करने में जुटी हुई है. फिलहाल नोट में लिखी बाते और घटनास्थल अलग- अलग कहानी बयां कर रही है.

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