पर्व पर घर से दूर रहना संभव नहीं
पूजा के मौके पर कतर से अपने घर आये नीलाभ पूजा के लिए वर्ष भर मैनेज करते हैं छुट्टियां मुजफ्फरपुर : लोक महापर्व छठ अपनों को दूर नहीं रहने देती. इस पर्व की महानता ही है कि लोग चाहे अपने परिवार से जितने भी दूर हों, पर्व के मौके पर घर आना नहीं भूलते. देश […]
पूजा के मौके पर कतर से अपने घर आये नीलाभ
पूजा के लिए वर्ष भर मैनेज करते हैं छुट्टियां
मुजफ्फरपुर : लोक महापर्व छठ अपनों को दूर नहीं रहने देती. इस पर्व की महानता ही है कि लोग चाहे अपने परिवार से जितने भी दूर हों, पर्व के मौके पर घर आना नहीं भूलते. देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग अपने घर तो लौटते ही हैं. विदेशों में रहने वाले परदेशी भी इस मौके पर घर आना नहीं भूलते. वे वर्ष भी इस पर्व का ही इंतजार करते हैं. अपनी छुट्टियां भी इसी हिसाब से मैनेज करते हैं कि पर्व के मौके पर घर आने में परेशानी नहीं हो. इस बार भी छठ में विदेशों से लोगों का अाने का सिलसिला शुरू हो गया है. दोहा के कतर में टेलकम कंपनी में सर्विस करने वाले नीलाभ सिंह अपने घर आ गये हैं.
अब ये छठ के बाद वापस लौटेंगे. बिहार विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ श्रीनारायण सिंह व प्रोफेसर डॉ पूनम सिन्हा के पुत्र नीलाभ तीन वर्षों से कतर में सर्विस कर रहे हैं. वे दो वर्षाें से छठ के मौके पर घर आ रहे हैं. नीलाभ ने बताया कि पहले दादी छठ करती थीं. उस वक्त मैं दिल्ली में रहता था, लेकिन पर्व के मौके पर घर आता था. अब मां छठ करती हैं. कतर में जाने के बाद मैं पर्व में आने के लिए छुट्टियां मैनेज करने लगा. नीलाभ कहते हैं कि यही एक मौका होता है जब घर के सारे लोग एकजुट होकर छठ पूजा में खुद को ढाल देते हैं. इस मौके पर घर से बाहर रहना संभव ही नहीं होता.