सोशल साइट्स पर आयी मैसेजों की बाढ़

मुजफ्फरपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही 500 व हजार की नोट को बंद करने का ऐलान किया. वैसे ही सोशल साइट्स पर मैसेजों की बाढ़ आ गयी. कोई इसी कालेधन पर प्रधानमंत्री की सर्जिकल स्ट्राइक कह रहा था, तो किसी का कहना था कि दो हजार की नोट क्यों? कुछ लोग नये नोटों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 8:58 AM
मुजफ्फरपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही 500 व हजार की नोट को बंद करने का ऐलान किया. वैसे ही सोशल साइट्स पर मैसेजों की बाढ़ आ गयी. कोई इसी कालेधन पर प्रधानमंत्री की सर्जिकल स्ट्राइक कह रहा था, तो किसी का कहना था कि दो हजार की नोट क्यों? कुछ लोग नये नोटों का फोटो शेयर कर रहे थे, तो कुछ लोग इसे नया दौर बता रहे थे. कुछ ही समय में बड़े पैमाने पर मैसेज फारवर्ड होने लगे.साथ ही वित्त मंत्रालय की ओर से जारी तीन पेजों की गाइड लाइन भी शेयर की जाने लगी.
ट्विटर हो, फेसबुक या ह्वाट्सएप सभी साइट्स पर मैसेजों की बाढ़ थी. ज्यादातर मैसेज करेंसी को लेकर थे. देर रात व्यवसायी हरीश जिंदल ने मैसेज भेजा, जिसमें एयरलाइंस की ओर से जारी गाइड लाइन की कॉपी थी, जिसमें यह लिखा गया था कि हवाई टिकट पर ही 11 नवंबर की रात 11.59 तक पांच सौ व हजार रुपये को नोट मान्य होंगे, जबकि सामान ज्यादा होने व अन्य चार्जेज में इन्हें नहीं स्वीकार किया जायेगा. शिक्षिका अंजना गुप्ता ने लिखा कि अमेरिकन वोट गिनने में लगे हैं, जबकि इंडियन नोट. नीरज श्रीवास्तव ने पत्रकारिता
की भाषा में मैसेज किया. लिखा पांच सौ व हजार रुपये के नोट दुर्घटनाग्रस्त अब कभी नहीं चल पायेंगे. शाही संचित ने लिखा कि रेड लाइट क्रास करनेवाले ने पुलिसावाले को पांच सौ का नोट थमाया, तो उसने कहा कि भाई अब सौ ही चलेगा. एक और मैसेज खूब शेयर किया गया, जिसमें लिखा था, जिसमें ये था कि कांग्रेस के जमाने में चवन्नी बैन हुई थी.
मोदी ने पांच सौ व हजार रुपये बैन कर दिये हैं. शादियों का मौसम भी शुरू होनेवाला है. ऐसे में इसको लेकर भी मैसेज बनाये गये कि जिन लोगों की 11 नवंबर को शादी है.
उन्हें सिर्फ लिफाफा मिलेगा, क्योंकि पांच सौ व हजार रुपये के नोट बैन हो गये हैं. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ किंजल्क ने लिखा. सरकार के फैसले से अच्छे दिन आ गये. इस फैसले से मध्यम वर्ग को नुकसान होगा. बड़े पूंजीपतियों को फायदा होगा. सरकार ने आतंकवाद की आड़ में ये कदम उठाया है.

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