अब नोट बदलने का ले रहे ”ठेका” कमीशन का खेल

मुजफ्फरपुर : शनिवार, दोपहर के करीब पौने बारह बजे हैं. सरैयागंज इलाके की एक बैंक शाखा में दो युवक 500 व 1000 के नोट एक्सचेंज करने आते हैं. इनके पास पांच-पांच अलग-अलग लोगों के आइडी कार्ड की फोटो कॉपी है. साथ में नोट एक्सचेंज के लिए भरे गये दस फॉर्म भी हैं. बैंक के काउंटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2016 2:40 AM

मुजफ्फरपुर : शनिवार, दोपहर के करीब पौने बारह बजे हैं. सरैयागंज इलाके की एक बैंक शाखा में दो युवक 500 व 1000 के नोट एक्सचेंज करने आते हैं. इनके पास पांच-पांच अलग-अलग लोगों के आइडी कार्ड की फोटो कॉपी है. साथ में नोट एक्सचेंज के लिए भरे गये दस फॉर्म भी हैं. बैंक के काउंटर पर मौजूद कर्मी को शक होता है.

वह युवकों से कहते हैं, आप लोग तो थोड़ी देर पहले ही रुपये एक्सचेंज करके ले गये थे. फिर आ गये. युवक पहले आने से इनकार करते हैं. कर्मी उन्हें सीसीटीवी कैमरा का भय दिखाते हुए कहता है, इसमें सब रिकॉर्ड होता है. कहो तो पुलिस को बुलाऊं.. इस पर दोनों युवक पहले तो घर में

अब नोट बदलने
बीमारी का बहाना बनाते हैं, पर थोड़ी ही देर में माफी मांग कर वहां से चले जाते हैं.
यह तो महज उदाहरण भर है. 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद से कमोबेश सभी बैंक शाखाओं में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि एक ही युवक बार-बार नोट एक्सचेंज करने आ रहे हैं. रोचक बात यह है कि वे बैंक के काउंटर पर सिर्फ नोट एक्सचेंज ही करते हैं, बैंक खाते में जमा नहीं करते. दरअसल, यह पूरा ‘खेल’ कमीशन का है. बैंक व एटीएम में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए वहां जाने से बचने के लिए लोग इन दिनों कमीशन पर एजेंट खोज रहे हैं, जो पांच से दस प्रतिशत कमीशन पर इसके लिए तैयार बैठे हैं. खुद बैंक अधिकारी व कर्मी भी दबी जुबान इसे स्वीकार करते हैं. बैंक के एक पुराने कर्मी बताते हैं कि
अभी बैंक शाखाओं में प्रत्येक दिन नोट बदलने वालों लोगों की भीड़ बढ़ रही है. इसमें बैंक शाखा के नियमित ग्राहक कम है. वैसे लोग अधिक है जो चौक चौराहों हमेशा घूमते नजर आते है. कई ऐसे भी हैं, जिन्हें चौक-चौराहों पर होने वाले हंगामों में भी आसानी से देखा जा सकता है. तो इन पर रोक क्यों नहीं लगायी जा रही है? इस संबंध में एक शाखा प्रबंधक उल्टे सवाल करते हैं, कैसे रोक लगायें! जो लोग इस तरह के काम में लगे हैं, वे कभी अकेले बैंक में नहीं आते. उनके साथ दो-चार लोग होते हैं. रोकने पर हंगामा होने के आसार रहते हैं. फिर उनके पास अलग-अलग आइडी कार्ड भी होते हैं.
पांच से 10 प्रतिशत लगता है कमीशन
बैंक के अंदर समूह में पहुंच करते हैं हंगामा
जल्दी नोट नहीं बदलने पर देते हैं आंदोलन की धमकी
िपछले दो िदनों में सामने आये दर्जनों ऐसे मामले

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