नयी काउंसिल नहीं सुनेगी हमारी बात

जताया आक्रोश. नेशनल मेडिकल काउंसिल के गठन का विरोध, डॉक्टरों ने कहा मेडिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के नाम पर सरकार काॅरपाेरेट सेक्टरों को नर्सिंग होम खोलने के लिए बढ़ावा दे रही है. मुजफ्फरपुर : विभिन्न मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बुधवार को कंपनीबाग स्थित शहीद खुदीराम बोस प्रतिमा स्थल के पास धरना दिया. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 6:25 AM

जताया आक्रोश. नेशनल मेडिकल काउंसिल के गठन का विरोध, डॉक्टरों ने कहा

मेडिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के नाम पर सरकार काॅरपाेरेट सेक्टरों को नर्सिंग होम खोलने के लिए बढ़ावा दे रही है.
मुजफ्फरपुर : विभिन्न मांगों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बुधवार को कंपनीबाग स्थित शहीद खुदीराम बोस प्रतिमा स्थल के पास धरना दिया. इस मौके पर आइएमए पदाधिकारियों का कहना था कि सरकार एमसीआइ को भंग कर एनएमसी बना रही है. इसमें स्टेट का कोई प्रतिनिधि नहीं है. यह काउंसिल डाॅक्टरों की बात नहीं सुनेगा. सरकार अब एमबीबीएस करने के बाद परमानेंट रजिस्ट्रेशन से पहले डॉक्टरों की परीक्षा लेगी. इसमें पास होने के बाद ही उन्हें निबंधन दिया जायेगा. यह नियम देश से बाहर मेडिकल परीक्षा पास करनेवाले
डॉक्टरों के लिए था. सरकार अायुर्वेद व होमियोपैथ की डिग्री वाले डॉक्टरों को छह महीने की ट्रेनिंग देकर एलोपैथी दवा लिखने की छूट देने पर विचार कर रही है, जबकि एलोपैथी डॉक्टर इसके लिए पांच साल की पढ़ाई पूरी करते हैं. मेडिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के नाम पर सरकार कारपाेरेट सेक्टरों को नर्सिंग होम खोलने के लिए बढ़ावा दे रही है. इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए. धरना को आइएमए अध्यक्ष डॉ ब्रजमोहन, सेक्रेटरी जनरल डॉ आरएन टंडन, उपाध्यक्ष डॉ सुरेश शर्मा व डॉ संजय कुमार ने
संबोधित किया.
निकला जुलूस, डीएम को सौंपा ज्ञापन : धरना के बाद करीब 200 डॉक्टरों का जत्था जुलूस की शक्ल में डीएम कार्यालय पहुंचे. सभी एनएमसी वापस लो के नारे लगाते हुए चल रहे थे. यहां आइएमए अध्यक्ष डॉ ब्रजमोहन, उपाध्यक्ष डॉ सुरेश शर्मा, डॉ संजय कुमार व डॉ सुधांशु कुमार के प्रतिनिधि मंडल ने
डीएम के ओएसडी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.
नेशनल मेडिकल कौंसिल बनाने का निर्णय को वापस लिया जाये
मेडिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट में सुधार किया जाये
डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन के लिए दुबारा परीक्षा लेने के नियम समाप्त किया जाये
डॉक्टरों को एक समान वेतन दिया जाये
मेडिकल प्रोटेक्क्शन एक्ट के
तहत असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जाये.

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