मुजफ्फरपुर. जंक्शन से मुंबई के लिए पहली बार लीची रवाना हो गयी. पूर्व से तय कार्यक्रम के तहत 11062 पवन एक्सप्रेस में पार्सल वैन को जोड़ दिया गया. जिसमें पहले दिन 900 पेटी, जिसका वजन 9 टन था, उसे लोड कर भेजा गया. वहीं एसएलआर में भी 16 क्विंटल के करीब लीची लोड की गयी. दोपहर से ही सदर अस्पताल के नये रास्ते से प्लेटफाॅर्म तक ठेला से लीची पहुंचने लगी थी. इस बार मेन एरिया में निर्माण के कारण जगह को बदल दिया गया. लीची ढुलाई के लिए नया पहुंच पथ भी तैयार किया गया है. इस दौरान बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि दूसरे तीसरे दिन से रफ्तार और तेज होगी. पवन एक्सप्रेस में लगी पार्सल वैन की क्षमता 23 टन है. बताया गया कि तीन दिनों में फुल वैन लोड हो कर मुंबई लीची जायेगी. कई बार हालात यह हो जाती है कि वैन पैक होने पर लीची को वापस लौटाना पड़ता है. ऐसे में इस बार संघ की ओर तीन और ट्रेन में पार्सल वैन लगाने की मांग की गयी है. इस दौरान स्टेशन अधीक्षक अखिलेश सिंह, डीसीआइ नीरज पांडेय, लीची एसोसिएशन के गोपाल कृष्ण व व्यापारी मौजूद थे. डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर से रेफ्रिजेरेटेड वैन की मांग लीची की शेल्फ लाइफ कम होती है. ऐसे में अभी भी संसाधन के अभाव में लीची को दूर भेजने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. मामले में बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि बुधवार को डायरेक्टर हॉर्टिकल्चर के समक्ष इस समस्या को रखा जायेगा. जानकारी दी गयी कि फिलहाल विभाग के पास दो रेफ्रिजेरेटेड वैन है. इस वैन को लीची के सीजन तक उपलब्ध कराने की मांग की जायेगी. सुरक्षित लीची अन्य शहरों में भेजी जा सके. हाल में संघ की ओर से एक नये रेफ्रिजेरेटेड वैन पुणे से खरीदारी की गयी है. बताया गया कि 26 मई को इस वैन से बेंगलुरू लीची भेजी जायेगी. इस वैन की क्षमता छह टन है.
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