नोटबंदी से आयेगी मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा कुप्रभाव

गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से कार्यक्रम में विचार रखते वक्ता. मुजफ्फरपुर : गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से नोटबंदी के प्रभाव विषय पर रविवार को एलएस कॉलेज स्थित कम्युनिटी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता सर्वोदयी चिंतक लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने की. यहां वक्ताओं ने नोटबंदी के अच्छे व बुरे प्रभावों पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 4:20 AM

गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से कार्यक्रम में विचार रखते वक्ता.

मुजफ्फरपुर : गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से नोटबंदी के प्रभाव विषय पर रविवार को एलएस कॉलेज स्थित कम्युनिटी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षता सर्वोदयी चिंतक लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने की. यहां वक्ताओं ने नोटबंदी के अच्छे व बुरे प्रभावों पर बेबाकी से अपने विचार रखे. मुख्य वक्ता अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ जफर अहमद सुलतान ने कहा, नोटबंदी से देश का नुकसान हुआ है. केवल लोगों के लाइन में खड़े रहने से 15 हजार करोड़ रुपये,
एटीएम कैलिबेरेशन पर 35 हजार करोड़ और व्यवसाय में 6,15,000 करोड़ रुपये नुकसान हुए हैं. इसकी भरपाई कब होगी, कहना कठिन है. नोटबंदी के बाद अब तक 12 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा हुए हैं. अब तक के जो आंकड़े हैं उसमें 10 फीसदी राशि भी बैंकों में नहीं लौटे हैं. इतने के बाद भी कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं. जितनी मुद्रा वापस नहीं आती है, आरबीआइ की देनदारी उतनी ही कम हो जायेगी.
जिसका इस्तेमाल सरकार आसानी से कर सकती है. कालाधन का प्रभाव कम होने के कारण निवेश बढ़ सकता है. लेकिन, नकारात्मक प्रभाव ज्यादा है. जीडीपी का नीचे आना तय है. रोजगार के अवसर कम होंगे. आर्थिक गतिविधि घटेगी और राजस्व को नुकसान होगा. विषय प्रवेश डॉ अजीत कुमार ने कराया. मंच संचालन अरविंद वरुण ने किया. एलएस कॉलेज के अर्थशास्त्र के प्रो सुनील कुमार ने भी विचार रखे. मौके पर विनय प्रशांत, प्रभात कुमार, प्रो विकास नारायण उपाध्याय, के के झा, संजय सहारिया, सुरेश कुमार गुप्ता, डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह ने विचार रखे.

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