कमीशन के चक्कर में निजी डॉक्टरों के हाथों 6 मरीजों की मौत

मुजफ्फरपुर : बिचौलियों के झांसे में आकर रोजाना दर्जनों मरीजों की जान निकल रहीं है़. वे भोले- भाले मरीजों को अपने जाल में फांस कर निजी अस्पताल तक पहुंचाते है़. वहां उसे अस्पताल की ओर से मोटी कमीशन मिल जाती है़, वहीं इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में मरीजों से मनचाही रकम की वसूली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2016 6:15 AM

मुजफ्फरपुर : बिचौलियों के झांसे में आकर रोजाना दर्जनों मरीजों की जान निकल रहीं है़. वे भोले- भाले मरीजों को अपने जाल में फांस कर निजी अस्पताल तक पहुंचाते है़. वहां उसे अस्पताल की ओर से मोटी कमीशन मिल जाती है़, वहीं इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में मरीजों से मनचाही रकम की वसूली की जाती है़. जब उनकी हालतबिगड़ने लगती है तो आनन- फानन में उसे एसकेएमीएच रेफर कर दिया जाता है़. जब तक वे एसकेएमसीएच पहुंचते इससे पहले उनकी हालत बेहद गंभीर हो जाती है़. डॉक्टर इलाज के लिए तो भरती कर लेते है़ लेकिन ज्यादातर मामलों में मरीजों की जान डॉक्टर नहीं बचा पाते है़ं

सोमवार को एसकेएमसीएच में इलाजरत तरीयानी के सुधा कुमारी, अहियापुर के आसू सहनी, बिंदा देवी, रामसागर राम और कांति देवी की मौत हो गयी़. एसकेएमसीएच प्रशासन की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि यहां भरती मरीजों की मृत्यु दर कम है़. लेकिन निजी अस्पताल से गंभीर हालत में आ रहे मरीज अस्पताल की मृत्यु दर को बढ़ा रहीं है़.
हाल के दिनों में एसकेएमसीएच में हुई मरीजों की मौत पर नजर डाले तो ज्यादातर मरीज निजी अस्पतालों से रेफर होकर यहां पहुंच रहे है़ं एसकेएमसीएच के एक वरीय डॉक्टर ने बताया कि निजी अस्पतालों में मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ किया जाता है़. मरीजों के परिजनों से इलाज के नाम पर मोटी रकम की वसूली की जाती है़. जब हालत बिगड़ती है तो उन्हें यहां भेज दिया जाता है़. निजी अस्पताल से रेफर 100 में से 80 मरीजों की हालत बेहद नाजुक होती है़. उनके इलाज में काफी परेशानियों का समाना करना पड़ता है़.

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