profilePicture

अनियमितता के आरोप में चार कर्मियों पर कार्रवाई

लापरवाही. जांच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर डीएम की सख्तीप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2016 5:51 AM

लापरवाही. जांच रिपोर्ट में दोषी पाये जाने पर डीएम की सख्ती

एक पंचायत सेवक बरखास्त
मुजफ्फरपुर : अनियमितता के अलग-अलग मामलों में चार सरकारी कर्मचारियों पर गाज गिरी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने एक पंचायत सेवक को बरखास्त कर दिया है. वहीं, एक पंचायत सचिव से गबन की राशि सूद सहित वसूलने व न्यूनतम वेतन में डिमोशन का आदेश दिया है. एक अन्य मामले में रिटायर राजस्व कर्मचारी की पेंशन रोक दी गयी है. वहीं लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में एक पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
दो जन्मतिथि में फंसे पंचायत सेवक
साहेबगंज की रामपुर असली पंचायत के पंचायत सेवक अकलू महतो पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप लगा था. यह आरोप उसी पंचायत की निवासी लाखो देवी ने लगाया था. जांच के क्रम में पता चला कि अकलू महतो ने दो-दो बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा दी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जारी सर्टिफिकेट में उनका जन्मतिथि तीन सितंबर 1953 अंकित है. वहीं बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड से जारी अंक पत्र में यह तीन मार्च 1962 है. मामले में डीएम ने उन्हें बरखास्त कर दिया है. उन्हें किसी प्रकार का सेवांत लाभ नहीं मिलेगा.
तय से अधिक दर पर लगवायी लाइट
एक अन्य मामला मड़वन प्रखंड की राज महमदपुर सूबे पंचायत से जुड़ा है. वहां के पंचायत सचिव रामनाथ चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने 15 सोलर लाइट 32,920 रुपये की दर से व सात 32,824 रुपये की दर से लगवाया, जबकि ब्रेडा ने 28,100 रुपये दर ही निर्धारित कर रखी थी. यही नहीं, नियमों के तहत 15,000 रुपये से अधिक कीमत के सामान खरीदने के लिए निविदा आमंत्रित करने का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में सिर्फ तीन एजेंसियों से कोटेशन मंगवा कर फैसला ले लिया गया. डीएम ने इसे गबन मानते हुए गबन की गयी राशि 12% सूद के साथ वसूलने का आदेश दिया है. साथ ही पंचायत सचिव को निम्नतम वेतन में डिमोशन करते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी है.
विधवा व वृद्धावस्था पेंशन में गड़बड़ी
सकरा प्रखंड की रूपनपट्टी मथुरापुर पंचायत के पंचायत सचिव लक्ष्मण पासवान पर विधवा व वृद्धावस्था पेंशन में गड़बड़ी का आरोप साबित हुआ है. आरोप था कि रंजू देवी नाम की महिला की जगह किसी दूसरे व्यक्ति को पेंशन की राशि दे दी गयी. यही नहीं, संचिका की जांच में पता चला कि रूपनपट्टी मथुरापुर के 1113 लाभुकों के बीच 20 लाख रुपये पेंशन का वितरण किया गया, जबकि जरूरत 30 लाख रुपये की थी. इसे गबन का प्रमाण माना गया है. पूर्वी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने इस मामले में एसडीओ पूर्वी को अपना मंतव्य देने को कहा है. साथ ही जिला पंचायती राज पदाधिकारी को मामले में पंचायत सचिव के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश भी दिया गया है.
बाढ़ राहत वितरण
में गड़बड़ी
सरैया अंचल के पूर्व राजस्व कर्मचारी सकलदेव पासवान को भी अनियमितता का आरोपित पाया गया है. डीएम धर्मेंद्र सिंह ने उनकी पेंशन पर रोक लगा दी है. आरोप है कि वर्ष 2007 में देवेंद्र प्रसाद ठाकुर नाम के व्यक्ति को जमाबंदी में गलत जमीन का रकबा दिखा कर एलपीसी जारी किया गया, जिसका उपयोग बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई फसल के मुआवजा लेने में हुआ. मामला प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट में भी गया था.

Next Article

Exit mobile version