दिसंबर में लगा आम में मंजर, लीची में नयी कोंपलें

प्रभात मुजफ्फरपुर : मौसम चक्र बदलने से पेड़-पौधे पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरद में वसंत दिखने लगा है. प्रकृति का कुछ इसी तरह का करिश्मा हैरान करनेवाला है. अखाड़ाघाट के शेखपुर मुहल्ला स्थित पुनीत कुमार के बगीचे में लगे आम के पेड़ मंजर से लद गये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2017 8:48 AM
प्रभात
मुजफ्फरपुर : मौसम चक्र बदलने से पेड़-पौधे पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरद में वसंत दिखने लगा है. प्रकृति का कुछ इसी तरह का करिश्मा हैरान करनेवाला है.
अखाड़ाघाट के शेखपुर मुहल्ला स्थित पुनीत कुमार के बगीचे में लगे आम के पेड़ मंजर से लद गये हैं. ऐसा नहीं है कि आम बारहमासी है. गरमी में फलने वाला यह मद्रासी प्रजाति का आम है. मंजर देख लोग आश्चर्यचकित है. हालांकि, मंजर काला होकर गिर रहा है. इसमें अभी तक फल नहीं आये हैं. मेडिसिनल एरोमेटिक प्लांट एक्सपर्ट पुनीत कुमार बताते हैं कि दिसंबर महीने में लगातार सामान्य से अधिक तापमान रहने की वजह से आम में मंजर आया है. वसंत में भी कुछ इसी तरह का मौसम रहता है.
आम में मंजर आने का अनुकूल समय फरवरी का अंतिम सप्ताह से लेकर मार्च प्रथम सप्ताह होता है. इनका कहना है कि बेमौसम मंजर आने से सीजन में यह नहीं आयेगा. अगर आनेवाले दस दिनों में ठंड का यही मिजाज रहा तो अन्य किस्म के आम में भी मंजर लग सकता है.
शहर की पहचान लीची के लिए भी अनुकूल नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार लीची के बेहतर उत्पादन के लिए दिसंबर से जनवरी मध्य के बीच 20 – 25 दिन घना कुहासा का होना जरूरी है. मौसम के बदलाव का असर तो लीची में भी देखने को मिल रहा है. कांटी इलाके में कई बाग में लीची में नयी कोंपलें आ गयी हैं. लीची किसान भी मान रहे हैं कि दिसंबर में नयी कोपल फलन के िलए अच्छा संकेत नहीं है

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