मुजफ्फरपुर : सरकार और पुलिस प्रशासन आपराधिक घटनाओं में कमी के चाहे लाख दावे करे. हकीकत यहीं है कि आये दिन बेखौफ अपराधी लूट व हत्याकांड की घटना को अंजाम देकर किसी न किसी की दुनिया बसने के पूर्व ही उजाड़ रहें हैं. नव विवाहिताओं को बेवा,बच्चों को अनाथ और बूढ़े-मां-बाप को बेसहारा कर रहे हैं. पुलिस है कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच के नाम पर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहे हैं.
शुक्रवार को लूट के दौरान अपराधियों की गोली से मृत बैंककर्मी रविंद्र राम के साथ उसका पूरा परिवार ही उजड़ गया. उसके मरने की सूचना मिलते ही पत्नी विदुषी वैभव
अपने भाग्य को कोसते बार-बार आत्महत्या का प्रयास कर रही थी. अस्पताल और पोस्टमार्टम कक्ष के पास उसके विलाप को सुन राहगीरों की आंखें भी गीले हो रहे थे. वहां पहुंचे पुलिस अधिकारी उसके विलाप के शब्द सुन व्यवस्था को कोसते नहीं थक रहे थे.
भगवानपुर के विशुनपुर बांदे गांव निवासी रविंद्र राम विगत चार साल से साहेबगंज स्थित बंधन बैंक में डोर स्टेप बैंकिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थापित थे. पांच माह पहले ही उनकी शादी सदर थाना के भगवानपुर मुहल्ले की विदुषी वैभव से हुई थी. विदुषी भी भगवानपुर पंचायत में ही विकास मित्र थी. प्रत्येक सोमवार को वे साहेबगंज कार्यालय पहुंचते थे और शनिवार की शाम अपने घर आ जाते थे. इस सोमवार को भी वे अपने कार्यालय गये थे. शुक्रवार की शाम उन्हें घर लौटना था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि घर वे नहीं उनका शव पहुंचेगा.
शाम चार बजे विदुषी को मिली सूचना शाम चार बजे बैंक के अधिकारियों ने विदुषी को रविंद्र के घायल होने की सूचना देते हुए बैरिया स्थित मां जानकी अस्पताल पहुंचने को कहा. जब वह अस्पताल पहुंची, तो एंबुलेंस में अपने पति रविंद्र का शव देख कर सन्न रह गयी. इसी बीच उसके पिता रामजीवन राम भी वहां पहुंच गये. अपने दामाद का शव देख वे अपने आपको रोक नहीं पाये. दोनों बाप-बेटी वहां दहाड़ मारकर रोने लगे. पिता-पुत्री काे शव से लिपट कर विलाप करते देख वहां उपस्थित अन्य लोग अपने आपको रोक नहीं पाये. संभालने के बजाय सभी एक-दूसरे से लिपट कर रोने लगे. माहौल काफी गमगीन हो गया.
अस्पताल परिसर में ही बेहोश हुई विदुषी
अपने पति रविंद्र के मौत से आहत विदुषी अस्पताल परिसर में ही सिर पटक-पटक बेहोश हो गयी. उसके बेहोश होने के बाद वहां उपस्थित उसके परिजन रोना-धोना छोड़ उसे संभालने में लग गये. इसी बीच पुलिस अधिकारी रविंद्र के शव को
पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच ले जाने लगे. शव लदे एंबुलेंस पर बंधन बैंक के कर्मचारी बैठ शव को एसकेएमसीएच ले चलने को कहा. विदुषी को परिजन मायके जाने को कहा. लेकिन वह नहीं मानी. वह भी शव के साथ एसकेएमसीएच पहुंच गयी. वहां भी रविंद्र के बगैर नहीं जिंदा रहने की जिद पर अड़ गयी. हालांकि, वहां उपस्थित पुलिस अधिकारी व अन्य लोग उसे किसी तरह से संभाल भगवानपुर ले गये.
चिकित्सकों की लापरवाही भी हुई उजागर
देहाती क्षेत्र के अस्पतालों में पदस्थापित चिकित्सक के गायब रहने की बात लगातार सुर्खियों में रहती है. कसी भी बड़ी घटना के बाद इलाज के लिए अस्पताल पहुंचनेवाले रोगी का इलाज चिकित्सक के अभाव में नहीं हो पाता है. ऐसे में गंभीर रूप से घायल लोगों की इलाज के अभाव में मौत हो जाता है. रविंद्र के साथ भी ऐसा ही हुआ. गोली से घायल रविंद्र को बैंककर्मी व स्थानीय लोग इलाज के लिए साहेबगंज अस्पताल में लेकर पहुंचे. लेकिन दुर्भाग्य ने यहां भी उनका साथ नहीं छोड़ा. अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक डॉ. एसएस ठाकुर गायब थे. वहां उपस्थित कंपाउंडर प्राथमिक उपचार कर उन्हें एसकेएमसीएच ले जाने की सलाह दी. इलाज नहीं होने के कारण रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. घायल बैंककर्मी का हाल-चाल लेने पीएचसी पहुंचे पूर्व विधायक राजू कुमार सिंह राजू को जब चिकित्सक के अभाव में उचित इलाज नहीं होने की जानकारी मिली, तो वे बिफर गये. मोबाइल से फोन कर पूरे मामले की शिकायत सीएस ललिता सिंह से की.वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उपेंद्र प्रसाद सिंह सीएस के साथ बैठक में होने का बहाना कर अपने आपको इस मामले से अलग कर लिया. वहीं पूर्व विधायक राजू सिंह की शिकायत पर सीएस ललिता सिंह ड्यूटी से गायब चिकित्सक से जवाब-तलब किया जाने की बात कहीं.