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नये एक्ट से बंद हो जायेंगे 90 फीसदी नर्सिग होम!

मुजफ्फरपुर: बिहार नर्सिग होम एक्ट-2013 बिल पास होने के बाद सरकार ने इसे लागू करने की कवायद तेज कर दी है. सभी नर्सिग होम को एक्ट के नियमों का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सीएस को मेल के जरिये इसकी सूचना दे दी है. सीएस टीम बना कर नर्सिग होम […]

मुजफ्फरपुर: बिहार नर्सिग होम एक्ट-2013 बिल पास होने के बाद सरकार ने इसे लागू करने की कवायद तेज कर दी है. सभी नर्सिग होम को एक्ट के नियमों का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने सीएस को मेल के जरिये इसकी सूचना दे दी है. सीएस टीम बना कर नर्सिग होम का निरीक्षण करेंगे. मानक के अनुरूप नहीं पाये जाने वाले नर्सिग होम को लाइसेंस नहीं दिया जायेगा. हालांकि, इस एक्ट से डॉक्टरों में निराशा है. इसके कुछ प्रावधानों पर सरकार व निजी डॉक्टर आपत्ति जता रहे हैं.

शहर के 90 फीसदी नर्सिग होम अमानक
नये एक्ट के प्रावधानों के अनुसार जांच हुई तो शहर के 90 फीसदी नर्सिग होम अमानक मिलेंगे. एक्ट में नर्सिग होम चलाने के लिए जितनी व्यवस्था का निर्देश है, उसे पूरा करना सभी नर्सिग होम के वश की बात नहीं है. कई डॉक्टरों का कहना है कि जिले में एक्ट के अनुसार कार्रवाई हुई तो वे नर्सिग होम बंद कर देंगे. एक्ट लागू होने के बाद पहले से लाइसेंस ले चुके नर्सिग होम का लाइसेंस भी अवैध हो गया. उन्हें नर्सिग होम के लिए फिर से लाइसेंस लेना होगा. लेकिन यह प्रक्रिया भी आसान नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग की जांच में मानक पर खड़ा उतरने के बाद ही लाइसेंस मिलेगा.

नर्सिग होम पर डीएम का होगा नियंत्रण
एक्ट के अनुसार नर्सिग होम डीएम के नियंत्रण पर होंगे. यदि कोई मरीज नर्सिग होम के खिलाफ शिकायत करता है, तो डीएम उसकी जांच करा कर दोषी को सजा दे सकते हैं. डॉक्टर यदि सही दवा नहीं लिखते या उनके इलाज से मरीज ठीक नहीं होता तो डॉक्टर ही दोषी माने जायेंगे. पहले इलाज संबंधित मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे था. सिविल सजर्न मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपते थे. लेकिन, इस एक्ट में मॉनीटरिंग का अधिकार भी प्रशासनिक अधिकारी के जिम्मे आ गया है.

बिना इलाज रेफर तो डॉक्टर दोषी : नये प्रावधानों के अनुसार नर्सिग होम में कोई गंभीर मरीज आता है तो डॉक्टर उसे तुरंत रेफर नहीं कर पायेंगे. उन्हें पहले मरीज की स्थिति को स्थिर करना होगा. उसकी हालत बिगड़ने से रोकनी होगी. उसके बाद ही वे दूसरी जगह रेफर करेंगे. डॉक्टर को मरीज के पुरजे पर बीमारी, किये गये इलाज व रेफर के कारण को लिखना होगा. यदि डॉक्टर ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें दोषी माना जायेगा.

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