अनुमंडल कार्यालय का मामला गरमाया
मोतीपुर : पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय काे मोतीपुर में स्थानांतरित करने के फैसले के बाद इसमें सरैया का नाम जोड़े जाने का मामला गरमा गया है. स्थानीय विधायक नंद कुमार राय ने जिला प्रशासन के फैसले को हास्यास्पद बताया है. इस क्रम में उन्होंने एक पत्र सार्वजनिक किया है, जिसमें वर्ष 1993 में हाइकोर्ट के आदेश […]
मोतीपुर : पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय काे मोतीपुर में स्थानांतरित करने के फैसले के बाद इसमें सरैया का नाम जोड़े जाने का मामला गरमा गया है. स्थानीय विधायक नंद कुमार राय ने जिला प्रशासन के फैसले को हास्यास्पद बताया है.
इस क्रम में उन्होंने एक पत्र सार्वजनिक किया है, जिसमें वर्ष 1993 में हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में गठित तीन सदस्यीय कमेटी के निर्णय की चर्चा की. कमेटी ने पश्चिमी अनुमंडल का कार्यालय मोतीपुर में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
इसके बाद समाचारपत्र में विज्ञापन प्रकाशित कर लोगों से आपत्ति व सुझाव मांगे गये थे. इधर अनुमंडल कार्यालय को मोतीपुर या सरैया में स्थानांतरित करने के जिला प्रशासन की अनुशंसा पर लोगों ने सवाल खड़े किये हैं. लोगों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है. जानकारी हो कि एडवोकेट एसोसिएशन न सहित दस लोगों ने वर्ष 1990 में हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
इसमें पश्चिमी अनुमंडल मुख्यालय मोतीपुर में स्थानांतरित करने की मांग की गयी थी. कोर्ट ने आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनयी. कमेटी में जिला जज एवं जिलाधिकारी भी थे. कमेटी ने पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय मोतीपुर में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा. इसमें कुढ़नी प्रखंड को पूर्वी अनुमंडल में शामिल करने की सहमति बनी. उस आलोक में कुढ़नी को पूर्वी अनुमंडल में शामिल तो कर लिया गया लेकिन पश्चिमी अनुमंडल कार्यालय मोतीपुर नहीं गया.
विधायक ने सवाल उठाया है कि जब कमेटी ने प्रस्ताव दे दिया तो फिर अनुमंडल कार्यालय को सरैया या मोतीपुर ले जाने की रिपोर्ट का औचित्य क्या है. हर हाल में कार्यालय मोतीपुर में अनुमंडल कार्यालय का स्थानांतरण हो.