99.9 करोड़ के ड्रेनेज पर ग्रहण
नगर निगम Â बुडको की ओर से तैयार डीपीआर पर नगर निगम ने जतायी थी आपत्ति मुजफ्फरपुर : शहर में करीब 99.9 करोड़ की लागत से बनने वाले ड्रेनेज सिस्टम पर अब ग्रहण लग गया है. छह जनवरी को बुडको से तैयार डीपीआर की स्थलीय जांच होनी थी. लेकिन बुडको के प्रतिनिधि स्थलीय जांच के […]
नगर निगम Â बुडको की ओर से तैयार डीपीआर पर नगर निगम ने जतायी थी आपत्ति
मुजफ्फरपुर : शहर में करीब 99.9 करोड़ की लागत से बनने वाले ड्रेनेज सिस्टम पर अब ग्रहण लग गया है. छह जनवरी को बुडको से तैयार डीपीआर की स्थलीय जांच होनी थी. लेकिन बुडको के प्रतिनिधि स्थलीय जांच के लिए निगम कार्यालय नहीं पहुंचे. जो बुडको द्वारा तैयार किये गये डीपीआर की खामियों को स्पष्ट करता है. यह योजना कितनी महत्वपूर्ण थी कि इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि छह जनवरी को नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव ने स्वयं फोन कर नगर आयुक्त से जांच के संबंध में पूछा कि बुडको प्रतिनिधि जांच को पहुंचे या नहीं.
इसमें नगर आयुक्त ने प्रधान सचिव से कहा कि स्थल जांच को लेकर निगम प्रशासन की जांच कमेटी के सदस्य बैठे हैं, लेकिन बुडको के प्रतिनिधि अब तक नहीं पहुंचे. काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब बुडको के प्रतिनिधि नहीं आये, तो इसके बाद नगर आयुक्त ने डीपीआर के स्थलीय जांच कार्यक्रम व डीपीआर में होने वाले संशोधन कार्य को स्थगित कर दिया और इसको लेकर अलग कार्यक्रम निर्धारित कर सूचित करने निर्देश जारी किया. इस संबंध में बुडको के प्रतिनिधि सहित जांच कमेटी के सदस्यों को सूचना दे दी गयी. बताते चलें कि 22 दिसंबर को बुडको के प्रतिनिधि ने ड्रेनेज सिस्टम को लेकर तैयार डीपीआर को लेकर निगम कार्यालय में डेमो का प्रदर्शन किया. जिसमें निगम के पदाधिकारी व प्रतिनिधियों ने डीपीआर पर आपत्ति जतायी थी. उसमें कहा था कि जो डीपीआर तैयार किया गया है उसमें कई खामियां है जैसे लेवलिंग सही नहीं थी, कुछ जगह छूटे थे, वाटर ट्रीटमेंट की योजना नहीं थी, जिसे पहले दूरे करने की बात कही गयी. इसको लेकर नगर आयुक्त ने निगम के अभियंता, कर्मचारी व पार्षदों की एक टीम का गठन किया था. जो छह जनवरी को बुडको की टीम के साथ तैयार डीपीआर के स्थल का निरीक्षण कर कमियों को ढूंढ़ती, जिसे दूर करने के लिए डीपीआर में संशोधन होता, उसके बाद निर्माण कार्य को अनुमति दिये जाने की बात थी. लेकिन छह जनवरी को टीम का नहीं पहुंचना उनके द्वारा तैयार डीपीआर पर सवाल खड़ा करता है.