प्रमाणपत्रों की जांच बिना बहाली

5000 ग्रामीण डाकसेवकों का मामला मुजफ्फरपुर : ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली में लापरवाही का खुलासा खुद विभाग ने ही किया है. विभाग ने अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गये प्रमाणपत्र की जांच किये बगैर ही उनको नौकरी दे दी. जब इसकी जांच शुरू हुई और हाइकोर्ट ने विभाग से जवाब-तलब किया गया, तो जवाब में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2017 4:48 AM

5000 ग्रामीण डाकसेवकों का मामला

मुजफ्फरपुर : ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली में लापरवाही का खुलासा खुद विभाग ने ही किया है. विभाग ने अभ्यर्थियों द्वारा जमा किये गये प्रमाणपत्र की जांच किये बगैर ही उनको नौकरी दे दी. जब इसकी जांच शुरू हुई और हाइकोर्ट ने विभाग से जवाब-तलब किया गया, तो जवाब में इसका खुलासा हुआ. विभाग के इस खुलासे के बाद करीब पांच हजार ग्रामीण डाकसेवकों की बहाली पर तलवार लटक गयी है.
12 प्रमंडलों की बहाली में बरती गयी लापरवाही : डाक विभाग में वर्ष 2008 से 2015 तक ग्रामीण डाक सेवक की बहाली हुई थी. इसमें 12 प्रमंडलों में ग्रामीण डाक सेवकों की बहाली मध्यमा के प्रमाणपत्र पर की गयी थी.
इस मामले में जब फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाली का मामला सामने आया, तो सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की. बहाली में धांधली को लेकर सीबीआइ ने 2013 में सीतामढ़ी व समस्तीपुर में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की. जांच में डाक विभाग में बहाल डाकसेवकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये. संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने हाइकोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें ग्रामीण डाक सेवकों के प्रमाणपत्र को फर्जी करार दिया है. बोर्ड ने हाइकोर्ट को जो 19 ग्रामीण डाक सेवकों के प्रमाणपत्र सौंपे हैं, वे बहाली के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा डाक विभाग में जमा किये गये प्रमाणपत्र से अलग हैं. यह बहाली वर्ष 2008 व 2010 में की गयी थी. चौंकाने वाली बात यह है कि जिस अभ्यर्थी का प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाया गया, वह अब भी कार्यरत है.
इन प्रमंडलों में हुई थी बहाली : समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीवान, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, सीतामढ़ी, सहरसा, मधुबनी और सारण.
12 प्रमंडलों में मध्यमा के प्रमाणपत्र पर हुई थी 5000 बहाली
हाइकोर्ट में संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने प्रमाणपत्रों को फर्जी बताया
2008 में मामला सामने आने पर शुरू हुई थी जांच
2013 में सीबीआइ सीतामढ़ी व समस्तीपुर में दर्ज करा चुकी है प्राथमिकी

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