हिंदी से तकनीकी शिक्षा सरल
संगोष्ठी. 87 विषयों में उपलब्ध हैं पुस्तकें : प्रो नंदकिशोर मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स विभाग में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हिंदी माध्यम से विज्ञान शिक्षण विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष प्रो नंदकिशोर पांडेय ने कहा कि हिंदी भाषा […]
संगोष्ठी. 87 विषयों में उपलब्ध हैं पुस्तकें : प्रो नंदकिशोर
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स विभाग में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से हिंदी माध्यम से विज्ञान शिक्षण विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष प्रो नंदकिशोर पांडेय ने कहा कि हिंदी भाषा के माध्यम से ज्ञान एवं विज्ञान तकनीकी को सरल करना ही संगोष्ठी का उद्देश्य है. विज्ञान, मैनेजमेंट सहित अन्य 87 विषयों में हिंदी की पुस्तकें उपलब्ध हैं. 22 भाषाओं में आयोग इसकाे तैयार करवा रहा है.
रिटायर प्रोफेसर राजमणि प्रसाद सिन्हा ने हिंदी माध्यम से प्रकाश की विचित्रता सहित, न्यूटन, गैलेलियों के बारे में समझाया. बीएन मंडल के पूर्व वीसी डॉ रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि फिजिक्स और दर्शन शास्त्र एक-दूसरे के पूरक हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के प्रचारक रामदत्त ने कहा कि देश के लोग विदेशों में हिंदी की बजाय अंगरेजी भाषा को तरजीह देते हैं. संगोष्ठी को प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना के सह प्राध्यापक डॉ अवलेंद्र ठाकुर, जय प्रकाश विवि छपरा के पूर्व एचओडी प्रो अनिल कुमार, रामजस कॉलेज दिल्ली के प्रो अशोक कुमार, पूर्व वैज्ञानिक अधिकारी डॉ बाल कृष्ण सिन्हा ने भी संबोधित किया. डॉ विजय तिवारी, डॉ तारण राय, डॉ डीपी दास, एसएन चटर्जी, डॉ संजय कुमार, डॉ पंकज कुमारी, डॉ सत्य प्रकाश, डॉ अखिलेश, डॉ रवींद्र, डॉ उमेश, बाजपट्टी की विधायक रंजू गीता मौजूद थीं. धन्यवाद डॉ संगीता सिन्हा ने किया. संयोजक डॉ ललन कुमार झा थे.
बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स विभाग में कार्यक्रम का आयोजन
बीआरए बिहार विवि के फिजिक्स विभाग में शनिवार को संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति डॉ रिपुसूदन श्रीवास्तव.