जल प्रबंधन से ही कृषि में आयेगी क्रांति : राधामोहन
मुजफ्फरपुर : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसानों के हितों के लिए संसाधन का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है. इसके बाद ही कृषि में क्रांति लायी जा सकती है़ भारत ने इसके लिए गंभीरता से पहल शुुरू कर दी है. किसानों की आय को पांच साल में दोगुना करने के लक्ष्य […]
मुजफ्फरपुर : केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसानों के हितों के लिए संसाधन का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है. इसके बाद ही कृषि में क्रांति लायी जा सकती है़ भारत ने इसके लिए गंभीरता से पहल शुुरू कर दी है. किसानों की आय को पांच साल में दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया गया है.
किसानों के उत्पादन का उचित मूल्य मिले, इसके लिए राष्ट्रीय कृषि मंडी की शुरु आत की गयी है. श्री सिंह ने जर्मनी के बर्लिन में आयोजित जी – 20 देशों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कृषि के लिए पानी अन्य महत्वपूर्ण साधन में से एक है. इसके पर्याप्त भंडार के बिना अनाज उत्पादन को बढ़ाना संभव नहीं है. अकुशल सिंचाई पद्धति, कीटनाशकों के अनुचित उपयोग, खराब संरक्षण और संरचना और प्रदूषण से खेती प्रभावित हो रहा है. इसके लिए सभी देशों को मिल जुल कर समाधान खोजना होगा. उन्होंने कहा कि भारत में जल संसाधनों का वितरण असमान्य है.
प्रति व्यक्ति/प्रति वर्ष जल उपलब्धता 1700 घन मीटर और एक हजार घन मीटर से कम हो जाती है तो अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुसार काफी कम है. 1544 घन मीटर प्रति व्यक्ति/प्रति वर्ष जल उपलब्धता के साथ भारत पहले से ही जल के दबाव वाला देश है. इसके बावजूद भारत विश्व में खाद्यान्न के अग्रणी उत्पादकों में से एक है. फसल की सिंचाई के लिए जल का सही उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि जल को उचित समय और पर्याप्त मात्रा में फसल में उपयोग करने की व्यवस्था प्राथमिकता में होनी चाहिए.
खाद्यान्न उत्पादन में विश्व में अव्वल है भारत
बर्लिन में विभिन्न देशों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन को किया संबोधित