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निवेश की करें प्लानिंग टैक्स में पाएं भारी छूट इनकम टैक्स अधिनियम के तहत छूट पाने के कई तरीके मुजफ्फरपुर : वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्त होने में बहुत कम समय शेष है. इस वक्त यदि टैक्स की प्लानिंग नहीं की जाये तो साल के आखिरी महीने में सैलरी का बड़ा भाग टैक्स के रूप में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2017 4:26 AM

निवेश की करें प्लानिंग टैक्स में पाएं भारी छूट

इनकम टैक्स अधिनियम के तहत छूट पाने के कई तरीके
मुजफ्फरपुर : वर्तमान वित्तीय वर्ष समाप्त होने में बहुत कम समय शेष है. इस वक्त यदि टैक्स की प्लानिंग नहीं की जाये तो साल के आखिरी महीने में सैलरी का बड़ा भाग टैक्स के रूप में कट सकता है. हालांकि, इनकम टैक्स अधिनियम के तहत टैक्स बचाने के कई तरीके हैं. जिससे अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है. इनकम टैक्स के वकील अरुण शर्मा इनकम टैक्स में छूट के कई तरीकों को बताया है.
फिक्सड डिपोजिट में करें निवेश. यदि आप रेगुलर फिक्सड रिटर्न चाहते हैं, तो पांच साल का फिक्सड डिपोजिट एक बेहतर प्रोडक्ट है. वे ऐसे निवेशक के लिए है, जो अपना पैसा बैंक में रखना चाहते हैं, हालांकि रिटर्न के लिहाज से अच्छा नहीं है, क्योंकि ज्यादातर बैंकों ने ब्याज दर में कटौती की है. अभी करीब 6.5 फीसदी सालाना की दर से एफडी पर रिटर्न प्राप्त हो रहा है
जो महंगाई से लड़ने में अच्छा नहीं है. यदि बिल्कुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, तो एफडी के अलावा सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, पेंशन प्लान में भी निवेश किया जा सकता है.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम. निवेश पर जोरदार रिटर्न के लिए टैक्स सेविंग के लिए इएलएसएस फंडस एक बेहतरीन विकल्प है. इसमें निवेशक को लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. इनकम टैक्स के 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट भी इस फंड में निवेश करने पर मिलती है. अगर लॉक इन पीरियड की बात करें तो किसी भी मार्केट लिंक्ड प्रोडक्ट से यह कम है. इएलएसएस में निवेश ऑनलाइन शुरू किया जा सकता है. केवाइसी भी ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं.
पीपीएफ व पीएफ भी विकल्प. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट प्रोविडेंट फंड को माना जाता है. सरकार की आेर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटने के बावजूद 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी की दस से इस पर ब्याज है. पीएफ में अधिक रकम निवेश करना चाहते हैं तो वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड में अपनी इच्छा के अनुसार निवेश कर सकते हैं. इसमें किये हुए निवेश पर पीएफ जितना रिटर्न व टैक्स में छूट प्राप्त किया जा सकता है.
निवेशक नहीं करें गलतियां
निवेशकों के डाटा को देखने से यह पता चलता है कि ज्यादातर निवेशक छोटी अवधि के प्रदर्शन को देखते हुए निवेश करते हैं. लेकिन किसी फंड या प्लान में निवेश से पहले उसके पांच साल का प्रदर्शन जरूर देखना चाहिए. सिर्फ फंड के लाभांश को देख कर निवेश नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही ज्यादातर निवेशक स्मॉल फंड्स में निवेश करने से बचते हैं. जबकि छोटे फंड बड़े फंड्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न देते हैं. इसलिए फंड के साइज पर नहीं, बल्कि प्रदर्शन के आधार पर निवेश करना चाहिए.
प्रोडक्ट लॉक-इन-पीरियड टैक्स की छूट सीमा इनकम टैक्स एक्ट
इएलएसएस 3 साल 1.5 लाख 80 सी
पीपीएफ 15 साल 1.5 लाख 80 सी
एनपीएस रिटायरमेंट तक 2 लाख 80सीडी 1बी
एससीएसएस 55 साल तक 1.5 लाख 80 सी
पेंशन प्लान वरिष्ठ नागरिक 1.5 लाख 80 सी
फिक्सड डिपोजिट 5 साल 1.5 लाख 80 सी
यूलिप 5 से 7 लाख 1.5 लाख 80 सी
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान यूलिप. यूलिप एक इंश्योरेंस प्रोडक्ट है, जो पाॅलिसी होल्डर को कवर देने के साथ ही अच्छा रिटर्न भी देता है. प्रोडक्ट मार्केट लिंक्ड होने से पॉलिसी होल्डर के प्रीमियम का पैसा इक्विटी व डेट मार्केट दोनों में निवेश किया जाता है. हालांकि इन पर मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. पिछले पांच साल में यूलिप प्रोडक्ट ने करीब 11 फीसदी का रिटर्न दिया है. मार्केट में सिंगल प्रीमियम के पॉलिसी भी उपलब्ध है.

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