1939 में मुजफ्फरपुर आये थे नेताजी, यहां पी थी चाय, हुआ था नागरिक अभिनंदन
मुजफ्फरपुर : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 120वीं जयंती सोमवार को मनायी गयी. इस दौरान नेताजी से जुड़ी तमाम यादों व उनकी प्रेरणाओं को याद किया गया. इनमें एक पन्ना ऐसा भी है, जो अपने शहर मुजफ्फरपुर से जुड़ा हुआ है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान नेताजी 1939 में नेताजी शहर आये थे. इस दौरान जीबीबी […]
मुजफ्फरपुर : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 120वीं जयंती सोमवार को मनायी गयी. इस दौरान नेताजी से जुड़ी तमाम यादों व उनकी प्रेरणाओं को याद किया गया. इनमें एक पन्ना ऐसा भी है, जो अपने शहर मुजफ्फरपुर से जुड़ा हुआ है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान नेताजी 1939 में नेताजी शहर आये थे. इस दौरान जीबीबी कॉलेज (अब एलएस कॉलेज) में नागरिक अभिनंदन हुआ था. शायद ही किसी को यकीन हो, लेकिन शहर1939 में शहर के लिए यह गौरव की बात है कि नेताजी ने यहां आकर आजादी के आंदोलन को लेकर लोगों को केवल प्रेरित ही नहीं किया, बल्कि दीवानों की फौज भी तैयार कर दी थी.
नेताजी के साथ रहनेवाले लोगों के संस्मरण भले ही कहानी बन गये हों, लेकिन कई दस्तावेज शहर से उनके जुड़ाव की तसवीर बयां करते हैं. पूर्वजों से सुनी कहानियां किसी मौके पर जब जेहन में गूंजती हैं, तो पुराने दस्तावेज भी उन क्षणों का बयान करने सामने आ जाते हैं. नेताजी की जयंती पर ऐसी ही भूली-बिसरी कहानियाें ने उनकी यादें ताजा कर दी हैं.
ज्योतिंद्र नारायण से था गहरा लगाव
इस दौरान नेताजी के सम्मान में जीबीबी कॉलेज व वर्तमान में एलएस कॉलेज में नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था. क्रांतिकारी ज्योतिंद्र नारायण दास के पुत्र व मशहूर नाटककार स्वाधीन दास कहते हैं कि पिता के साथ नेताजी का गहरा लगाव था. यही कारण था कि एक चाय-नाश्ते की दुकान की शुरुआत नेताजी ने अपने हाथों से की थी. आज नेताजी नहीं हैं, लेकिन पिता से सुने कई संस्मरण ताजा हो गये हैं.
कल्याणी केबिन का किया था उद्घाटन
नेताजी 26 अगस्त, 1939 को शहर में आये थे. उस समय के सोशलिस्ट नेता रैनेन राय ने उन्हें यहां आमंत्रित किया था. नेताजी को शहर की पहली टेबुल-कुर्सी व क्राॅकरीवाली चाय-नाश्ते की दुकान कल्याणी केबिन का उद्घाटन करना था. उस वक्त शहर के क्रांतिकारी ज्योतिंद्र नारायण दास व शशधर दास ने मोतीझील में होटल कल्याणी केबिन की शुरुआत की थी. नेताजी ने फीता काट कर उसे शहरवासियों को समर्पित किया था. कल्याणी केबिन का उद्घाटन करने के बाद नेताजी ने ओरियेंट क्लब व तिलक मैदान का भी मुआयना किया. वे जहां भी जाते, उनके साथ लोगों की भीड़ चलती थी. इनमें बंगाली समुदाय के लोगों की भूमिका काफी थी. उस वक्त के मशहूर डॉक्टर एके भादुड़ी उनके साथ थे.