खाने लायक हुई लीची
मुजफ्फरपुर: बारिश से लीची के फलों में एक साथ कई बदलाव आये हैं. शाही व चाइना लीची के लिए बारिश के अलग-अलग नुकसान व फायदे हैं. बारिश ने शाही लीची में मिठास भर दिया है. लेकिन, फंगस के कारण पेड़ में मिठास वाले फल अधिक दिनों तक टिकने वाले नहीं हैं. अधिक से अधिक 30 […]
मुजफ्फरपुर: बारिश से लीची के फलों में एक साथ कई बदलाव आये हैं. शाही व चाइना लीची के लिए बारिश के अलग-अलग नुकसान व फायदे हैं. बारिश ने शाही लीची में मिठास भर दिया है. लेकिन, फंगस के कारण पेड़ में मिठास वाले फल अधिक दिनों तक टिकने वाले नहीं हैं. अधिक से अधिक 30 मई तक शाही लीची के फल लोगों को उपलब्ध हो पायेगा. जबकि पिछले वर्ष 7 से 10 जून तक शाही लीची लोगों के लिए उपलब्ध था.
वहीं, चाइना लीची 10 जून तक बाजार में रहने की संभावना है. जबकि पिछले वर्ष चाइना लीची 18 से 20 जून तक लोगों के लिए उपलब्ध था. कांटी के लीची उत्पादक किसान मुरलीधर शर्मा बताते हैं कि 10 से 20 मई तक शाही लीची के फल के विकासित होने का वक्त था. इस दौरान बारिश की जरूरत थी. बारिश के बदले पछिया हवा चल रही थी. डंठल सूखने लगे. लीची के फल भी जल गये.
धब्बेदार फल आने से किसानों की परेशानी बढ़ गयी. जमीन में नमी कम होने से डंठल कमजोर हो गये. अब फल फट रहे हैं, गिर रहे हैं. अब बारिश हुई तो मिठास जरूर आयी है. लेकिन फलों के विकास रफ्तार वर्ष 2012 की तुलना में 20 प्रतिशत कम है. किसानों की मानें तो चाइना के लिए बारिश फायदेमंद जरूर हैं. अभी बारिश से फलों का विकास भी हो सकता है. अभी हो रही बारिश से लीची के डंठल में कीड़ों का प्रकोप भी शुरू होने की बात सामने आ रही है. घने बागों में लीची के फल में बारिश से फंगस लग सकते हैं.
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने बताया कि बारिश से शाही लीची को कोई खास फायदा नहीं हुआ है. बारिश होने पर उसी दिन लीची की तुड़ाई नहीं करें तो अच्छा होगा. अन्यथा फलों का टिकना मुश्किल हो जायेगा. कीड़े लगने की शिकायत हो तो नीम से बने कीटनाशी का छिड़काव करें. हालांकि, जिन किसानों ने बागों की देखरेख बेहतर तरीके से की, उनके बागों में ऐसी शिकायत नहीं है.