26 के बाद धान का आगात बिचड़ा गिरायें

मुजफ्फरपुर: खरीफ खेती का सीजन अब आने वाला है. खेतों में खेती की तैयारी चल रही है. किसान अपने स्तर स्तर से बीज खरीदने व इसे गिराने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि व मौसम परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी ने भी किसानों को और बेहतर खेती की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:41 PM

मुजफ्फरपुर: खरीफ खेती का सीजन अब आने वाला है. खेतों में खेती की तैयारी चल रही है. किसान अपने स्तर स्तर से बीज खरीदने व इसे गिराने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि व मौसम परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी ने भी किसानों को और बेहतर खेती की सलाह दी है.

आरएयू पूसा के अनुसार, 26 मई के बाद अगात धान के बिचड़ा गिराया जा सकता है. इस वक्त गिराये गये धान का बिचड़ा किसानों के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है. कृषि वैज्ञानिकों ने बीज गिराने से पूर्व बीज का उपचार करने की सलाह दी है.

वहीं, रबी मक्का की कटनी करने का उपयुक्त समय है. मक्के की कटनी, दौनी, दाना सुखाने व भंडारण के लिए मौसम अनुकूल है. गरमा सब्जियों में सिंचाई करने की सलाह दी गयी है. खाली खेतों की मिट्टी पलटने वाले हल से ग्रीष्मकालीन जुताई कर छोड़ दें.

वसंत रोप वाली ईंख फसल में कल्ला व शीर्ष छेदक कीड़ों के आक्रमण के लिए पूर्वानुमानित मौसम अनुकूल रह सकता है. आक्रांत फसल के कल्लों को जमीन की सतह से पांच सेमी नीचे से काट कर जला दें. इसके साथ ही, मौसम विभाग ने दुधारू पशुओं के खान-पान व देख-रेख पर विशेष ध्यान दिया है.

Next Article

Exit mobile version