नाले पर ”बाजार”, खुल गयीं सैलून अौर चाय की दुकानें
नये नालों पर तेजी से हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन बेखबर मुजफ्फरपुर : शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए जहां एक ओर कच्चे नाले को पक्का में तब्दील किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर नाले पर कब्जा जमाने का खेल भी तेजी से चल रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा […]
नये नालों पर तेजी से हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन बेखबर
मुजफ्फरपुर : शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए जहां एक ओर कच्चे नाले को पक्का में तब्दील किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर नाले पर कब्जा जमाने का खेल भी तेजी से चल रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां कभी जंगल-झाड़ हुआ करता था, वहां नाला बनने के साथ रौनक आ गयी है. नाला पर लगे स्लैब पर होटल, सैलून, चाय व पान-पुड़िया की दुकान के साथ टायर पंक्चर बनाने तक की गुमटी खुल गयी है. यह हाल किसी एक इलाका नहीं है,
बल्कि शहर में पिछले छह महीने में बने नाले पर अतिक्रमण की ताजा स्थिति है. प्रशासन ने अगर समय रहते कब्जा करनेवाले पर कार्रवाई नहीं की, तो कुछ ही दिन में बटलर रोड, हरिसभा रोड, पक्की सराय रोड, बीबी कॉलेजियट रोड व जवाहरलाल रोड में बने नया नाला दुकानों से पट जायेगा, जिसे खाली कराना प्रशासन के लिए चुनौती होगी. शहर के अन्य इलाके की तरह इन सभी स्थानों पर नया बाजार बस जायेगा. अतिक्रमण खाली कराने पर दुकानदार संघ बना कर विरोध करेंगे. इसके बाद सफेदपोश दुकानदारों को आगे कर राजनीतिक रोटी सेंकेंगे. फिर धरना-प्रदर्शन का दौर शुुरू होगा. एक-दो बार अतिक्रमण हटाने का अभियान चला कर प्रशासन इनके सामने घुटने टेक देगा.
शहर के सभी इलाकों का हाल एक जैसा
नालों की कैसे होगी सफाई
नाला पर दुकान, गुमटी के सजने से जाम व अतिक्रमण तो होता ही है, सबसे बड़ी समस्या सफाई को लेकर होती है. नाला पर स्थायी दुकान बन जाने से मैनुअल या मशीन से सफाई करना संभव नहीं होता है. इससे धीरे-धीरे नाला जाम हो जाता है. इसकी वजह से बरसात में शहर में जलजमाव हो जाता है. दुकान व मकान में गंदा पानी घुस जाता है. सड़क से पानी निकालने के लिए नगर निगम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. दरअसल नाले पर खुली दुकान व होटल का कचरा भी इसमें डाला जाता है. कचरे की वजह से शहर का आइना कहे जानेवाला स्टेशन रोड में तो नाला का पता लगाना मुश्किल है.
वीआइपी जोन में
भी अतिक्रमण
नालों पर हाल में हुए अतिक्रमण पर नजर डालें, तो शहर में एक दर्जन स्थान ऐसे हैं जहां नाला पर तरह-तरह की गुमटी व ठेला लग गये हैं. इनमें शहर के वीआइपी जोन कंपनीबाग रोड से समाहर्ता आवास, प्रमुख बाजार धर्मशाला चौक, बीबी कॉलेजियट, मोतीझील, हरिसभा रोड, देवी मंदिर व पक्की सराय शामिल चौक हैं. इन इलाकों में कुछ दिन पहले ही नाला का निर्माण कर ढलाई की गयी है. हरिसभा चौक पर तो एक रेस्टोरेंट भी नाला पर ही चल रहा है. कुरसी टेबुल से सजे इस जगह को देखने पर पता नहीं चलता है कि इसके नीचे नाला भी हो सकता है. यह स्थिति कई प्रमुख चौक-चौराहों की है, जहां नाला पर फर्नीचर से लेकर खाने पीने की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं.