महिला की हत्या के आरोपित को आजीवन कारावास की सजा

मुजफ्फरपुर : हत्या के एक मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे 11 डाॅ राकेश कुमार ने दोषी पाते हुए सकरा के लोहरगामा निवासी प्रभु झा को आजीवन कारावास व पाांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी धर्मेंद्र कुमार चौधरी ने कुल नौ गवाहों का बयान न्यायालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2017 5:36 AM

मुजफ्फरपुर : हत्या के एक मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे 11 डाॅ राकेश कुमार ने दोषी पाते हुए सकरा के लोहरगामा निवासी प्रभु झा को आजीवन कारावास व पाांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी धर्मेंद्र कुमार चौधरी ने कुल नौ गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया.

सकरा थाना क्षेत्र के लोहरगामा गांव में हुए आपसी विवाद में धर्मनाथ झा व उनकी मां चंद्रकला देवी पर मिट्टी तेल छिड़क कर आग लगा दी गयी थी. इलाज के दौरान चंद्रकला देवी की मौत एसकेएमसीएच में हो गयी थी. इसके बाद मृतक चंद्रकला देवी के पुत्र व घायल धर्मनाथ झा के बयान पर सकरा पुलिस ने पड़ोसी प्रभु झा, भाई ईश्वर झा, पुत्र रमेश झा, महेश झा, उमेश झा एवं पत्नी वीणा देवी के विरुद्ध सकरा थाना में मामला दर्ज किया था. पुलिस को दिये बयान में धर्मनाथ झा ने बताया था कि एक नवंबर 2014 की शाम में मां चंद्रकला देवी के साथ अपने दरवाजे पर बैठ कर चाय पी रहे थे. इसी बीच मेरे पड़ोसी प्रभु झा अपने भाई ईश्वर झा, पुत्र रमेश झा, महेश झा, उमेश झा एवं पत्नी वीणा झा के साथ मेरे घर पर आये और गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगे.
इसी बीच प्रभु झा ने अपनी पत्नी वीणा झा को कहा कि मिट्टी तेल लेकर आओ़ इस पर वीणा झा अपने घर गयी और मिट्टी तेल का गैलन लेकर आयी. इसके बाद रमेश झा, महेश झा एवं उमेश झा ने मुझ पर एवं मेरी मां चंद्रकला देवी के शरीर पर मिट्टी तेल छिड़क दिया और प्रभु झा ने अपने हाथ में लिये माचिस जला कर हमलोगों के शरीर में आग लगा दी, जिससे हमलोग बुरी तरह झुलस गये. शोर सुन परिवार के लोग व ग्रामीण जुटे़ इसके बाद हमलोगों को इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भरती कराया, जहां इलाज के दौरान मेरी मां की मौत हो गयी. इसके बाद सकरा पुलिस व मामले के अनुसंधानक दारोगा आरबी राम ने जेल में बंद आरोपित प्रभु झा के विरुद्ध 28 जनवरी, 2015 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करते हुए अन्य आरोपितों के विरुद्ध पूरक अनुसंधान जारी रखा.

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