कुछ हुआ, तो अस्पताल की कोई जिम्मेदारी नहीं
एसकेएमसीएच. भरती होते ही मरीज से लिखवाते हैं मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने लापरवाही के आरोपों से बचने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिये हैं. मरीज को भरती करने से पहले ही परिजन से भरती परची पर ही एकरारनामा लिखवा रहे हैं, ताकि हंगामे की स्थिति में वह बच सकें. […]
एसकेएमसीएच. भरती होते ही मरीज से लिखवाते हैं
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने लापरवाही के आरोपों से बचने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिये हैं. मरीज को भरती करने से पहले ही परिजन से भरती परची पर ही एकरारनामा लिखवा रहे हैं, ताकि हंगामे की स्थिति में वह बच सकें. मंगलवार को गायनिक विभाग में आधे दर्जन मरीजों को भरती कराया गया. डॉक्टर परिजनों को सारी स्थिति से अवगत करा रहे हैं, साथ ही प्रसव के बाद बच्चे की जान जाने की खतरा को लेकर भरती परची पर हस्ताक्षर भी करा रहे हैं.
अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर, उपाध्यक्ष डॉ सुनील शाही व गायनिक विभागाध्यक्ष आभा सिन्हा ने यह उपाय निकाला है. तब से दो दिनाें में गायनिक में कोई हंगामा नहीं हुआ. इधर वार्ड पांच में मंगलवार को इलाज से असंतुष्ट मरीज निजी अस्पताल चला गया. इससे पहले वार्ड की नर्स ने बीएचटी पर मरीज से अपनी स्वेच्छा से जाने की बात लिखवा ली. बताया गया कि पिछले गुरुवार को सीतामढ़ी बघारी निवासी मोइनउद्दीन पैर में गंभीर जख्म लेकर भरती हुए थे. नर्स ने सोमवार को चिकित्सक से दिखाने को कहा. मंगलवार को उन्होंने स्वास्थ्य मैनेजर से शिकायत की. इसके बाद निजी अस्पताल चले गये. स्वास्थ्य मैनेजर ने बताया कि शिकायत मिली है. जांच कर कार्रवाई की जायेगी