हालांकि, इंस्पेक्टर ने जब इस पर कड़ी आपत्ति की, तो उन्होंने इस तरह की बात बोलने से ही इनकार कर दिया. दोनों अधिकारियों के बीच सार्वजनिक रूप से इस तरह की बार-बार हो रही बहस को देख रेलवे के अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी भौचक थे. बाद में एक सब इंस्पेक्टर रैंक के पदाधिकारी ने एडीआरएम से आग्रह किया कि सर क्या इस तरह की बात शोभा दे रही है. हमलोग रेलवे के अंग हैं. फिर भी आप जैसे मंडल के वरीय अधिकारी अगर जगह-जगह बेइज्जती करेंगे, तो हमलोगों का क्या होगा? इसके बाद एडीआरएम कुछ देर के लिए शांत हो गये.
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विवाद: सुपरवाइजर रनिंग रूम पर भिड़ंत, आरपीएफ व मंडल रेल प्रशासन आमने-सामने
मुजफ्फरपुर: सोनपुर रेल मंडल प्रशासन एक बार फिर आपसी विवाद के कारण सुर्खियों में है. इस बार लड़ाई मंडल प्रशासन और रेल की अपनी सुरक्षा एजेंसी आरपीएफ में ठन गयी है. विवाद पिछले एक सप्ताह से चल रहा है, लेकिन शुक्रवार को मुजफ्फरपुर जंकशन पर एडीआरएम आरपी मिश्रा के निरीक्षण के दौरान यह खुल कर […]
मुजफ्फरपुर: सोनपुर रेल मंडल प्रशासन एक बार फिर आपसी विवाद के कारण सुर्खियों में है. इस बार लड़ाई मंडल प्रशासन और रेल की अपनी सुरक्षा एजेंसी आरपीएफ में ठन गयी है. विवाद पिछले एक सप्ताह से चल रहा है, लेकिन शुक्रवार को मुजफ्फरपुर जंकशन पर एडीआरएम आरपी मिश्रा के निरीक्षण के दौरान यह खुल कर सामने आ गया.
निरीक्षण के दौरान वो आरपीएफ की कार्यशैली व उसके अधीन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर अनुसंधान कक्ष होने के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए बरस गये. इसके बाद एडीआरएम व आरपीएफ अधिकारी के बीच जमकर तीखी बहस हुई. बोलते-बोलते एडीआरएम ने आरपीएफ के बारे में कह दिया, ‘आरपीएफ इज नॉट ए पार्ट ऑफ रेलवे’.
विवाद का कारण मुजफ्फरपुर जंकशन पर बने आरपीएफ बैरक का एक कमरा है. डीआरएम बैरक में बने एक कमरा को रेलवे का सुपरवाइजर रनिंग रूम बनाना चाह रहे हैं. इसके लिए पिछले दिनों जब डीआरएम मनोज कुमार अग्रवाल निरीक्षण को मुजफ्फरपुर आये थे, तो उन्होंने बैरक को देखने के बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर को एक कमरा खाली कराने को कहा था. जबकि, आरपीएफ इससे इनकार कर रही है. आरपीएफ के पास बैरक की क्षमता से अधिक सुरक्षा बलों की संख्या है. साथ ही बैरक में अगर सिविलियन का आना-जाना शुरू होगा, तो सुरक्षा बलों पर खतरा है. एडीआरएम जब जंकशन पहुंचे, तो उन्होंने सबसे पहले आरपीएफ इंस्पेक्टर से डीआरएम के आदेश के बाद भी कमरा नहीं खाली होने का कारण पूछा. इंस्पेक्टर के जवाब से असंतुष्ट एडीआरएम ने रेल आइजी को फोन लगाने काे कहा. इस पर इंस्पेक्टर ने इनकार कर दिया. इसके बाद कई बार एडीआरएम आइजी से बात करने की चेतावनी देते नजर आये.
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