पांच जून तक हर घर को डस्टबिन

मुजफ्फरपुर : शहर के 49 वार्डों में छह जून तक प्रत्येक हाउस होल्ड दो-दो डस्टबीन दिया जायेगा. इसमें हरा डस्टबिन गीले व नीला डस्टबिन सूखे कचरे के लिए होगा. वहीं 5 मार्च तक शहर के पांच वार्डों में डस्टबिन का वितरण कराया जायेगा. उक्त बातें नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने को एमआइटी कॉलेज के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2017 4:55 AM

मुजफ्फरपुर : शहर के 49 वार्डों में छह जून तक प्रत्येक हाउस होल्ड दो-दो डस्टबीन दिया जायेगा. इसमें हरा डस्टबिन गीले व नीला डस्टबिन सूखे कचरे के लिए होगा. वहीं 5 मार्च तक शहर के पांच वार्डों में डस्टबिन का वितरण कराया जायेगा. उक्त बातें नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने को एमआइटी कॉलेज के सभागार में सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसइ) व नगर निगम की ओर से ठोस कचरा प्रबंधन पर स्वच्छता, स्वास्थ्य व समृद्धि कार्यक्रम में कहीं. नगर आयुक्त ने कहा कि शहर साफ-सुथरा हो इसमें निगम प्रशासन पूरा कोशिश करेगा और इसे सफल बनायेगा.

नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि अगर पांच जून तक सभी वार्ड में डस्टबिन का वितरण हो जाता है, तो वह खुद मुख्यमंत्री को शहर आने को कहेंगे. वहीं पांच मार्च तक पांच वार्ड में यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो वह विभागीय मंत्री के साथ शहर का भ्रमण करेंगे. उन्होंने कहा कि काम करने के लिए यह मुश्किल शहर है, लेकिन लोगों में क्षमता बहुत है. सीएसइ ने जो काम वार्ड 1 व 2 में शुरू किया है, इसका अच्छा परिणाम सामने आया है. प्रधान सचिव ने सबसे पहले वार्ड नंबर 1 के आवास नगर मोहल्ले में डोर टू डोर सूखा व गीला कचरा के उठाव का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने घरवालों से व्यवस्था के बारे में जाना और इसकी सराहना की. कहा कि यह क्रम टूट न पाये, नियमित चलता रहे.
सीएसइ के उप निदेशक चंद्र भूषण ने बताया कि हमारी संस्था पर्यावरण के क्षेत्र में काम करनेवाली सबसे बड़ी संस्था है. हम 12 शहरों में काम कर रहे हैं. 15 दिसंबर को संस्था व आइटीसी का नगर निगम के साथ करार हुआ.
नगर विधायक सुरेश शर्मा ने कहा कि अपना शहर देश में सबसे प्रदूषित शहर में दूसरे स्थान पर है, लेकिन हमारा प्रयास रहेगा हमलोग इस संस्था के माध्यम से अपने इसी स्थान को देश के सबसे स्वच्छ शहर में लाये. मेयर वर्षा सिंह ने कहा काम बेहतर है शहरवासियों से अपील है कि वह सहयोग करे हमारा शहर स्वच्छ व सुंदर होगा. कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम मैनेजर स्वाती सिंह संब्याल ने किया. मौके पर एमआइटी के प्राचार्य प्रो जेएन झा, सीएस डॉ ललिता सिंह, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, वार्ड पार्षद सहित विभिन्न जिलों से नगर निकाय व पंचायत से आये पदाधिकारी के अलावा सीएसइ व आइटीसी के अधिकारी शामिल थे.
पिट को बनाएं सुंदर : प्रधान सचिव एमआरडीए कार्यालय कैंपस में गीले कचरे से खाद बनाने वाले पिट का निरीक्षण किया. उन्होंने पिट में खाद बनाने के तरीके बारे में पूछताछ की. पूछा कि इससे बदबू तो नहीं फैलेगी. इस पर सीएसइ की प्रोग्राम मैनेजर स्वाति सिंह संब्याल ने पूरी जानकारी दी. बताया कि कैसे यहां खाद बनेगा, यहां दुर्गंध नहीं होगी. प्रधान सचिव कहा कि जहां पर भी इस तरह के पिट का निर्माण हो, इसे सुंदर तरीके से बनाएं. इसकी दीवार पर अच्छे स्लोगन लिखे जाएं.
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन जिस मोहल्ले में शुरू हुआ, वह क्रम न टूटे, इसका पूरा ध्यान रखें. गाड़ी खराब होती है, तो दूसरी अविलंब वहां दूसरी गाड़ी की व्यवस्था करें.
झीलों का शहर है मुजफ्फरपुर
आइटीसी के जीएम जीएन मूर्थी ने कहा कि यह शहर झीलों का शहर है. यहां छोटे-छोटे कई पोखर व झील है जिसकी हालत खराब है. इसे हम आप मिलकर सुंदर बना दें, तो यह टूरिस्ट हब बन जायेगा. इस कचरा प्रबंधन ना केवल शहर साफ होगा, बल्कि रोजगार व आय के स्त्रोत बढ़ेंगे. आज हम बाहर से सूखा कचरा मंगाते हैं, लेकिन यहां बहुत कूड़ा वेस्ट पड़ा हुआ है जिसका हम उपयोग कर सकते हैं. यह हमारे और आपके सभी के लिए आसान है. आप गीले कचरे से खुद घर में खाद बना सकते हैं, वह भी बिना बदबू के. मेरा दावा है आपको हम यह तरीका बता रहे हैं जिससे जानने के बाद कम से कम 50 प्रतिशत से अधिक लोग गीले कचरे से खुद खाद बनाने लगेंगे. भौगोलिक दृष्टिकोण से यह शहर बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसका लिंक मुंबई, सूरत, दिल्ली व हैदराबाद से है. वहीं इंडो-नेपाल हाइवे बन रहा है, दूसरी ओर काठमांडू से चीन को हाइवे से जोड़ा जा रहा है. ऐसे में इस शहर का महत्व और भी बढ़ जाता है.
कचरा प्रबंधन पर प्रधान सचिव ने की बैठक
काम के लिए मुश्किल शहर, लेकिन लोग काफी क्षमतावान
सफाई में हो रहा सुधार, लोगों के सपोर्ट की जरूरत
ड्रेनेज की स्थिति खराब, बन रहा डीपीआर
शहर में बनेगा कला भवन सह प्रेक्षागृह

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