एमएससी इंजीनियरिंग का मामला, विवि ने शुरू की पहल परीक्षा बोर्ड जायेगा डिग्री का मामला
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि ने एमएससी इंजीनियरिंग की डिग्री गैर-कानूनी घोषित किये जाने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले को विवि प्रशासन परीक्षा बोर्ड में ले जाने का निर्णय लिया है. 11 मार्च को परीक्षा बोर्ड में पूरे मामले को रखा जायेगा. बताया जा रहा है कि विवि अपने स्तर से एमएससी […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि ने एमएससी इंजीनियरिंग की डिग्री गैर-कानूनी घोषित किये जाने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. मामले को विवि प्रशासन परीक्षा बोर्ड में ले जाने का निर्णय लिया है. 11 मार्च को परीक्षा बोर्ड में पूरे मामले को रखा जायेगा. बताया जा रहा है कि विवि अपने स्तर से एमएससी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करनेवाले छात्रों की जानकारी राजभवन व आर्यभट्ट ज्ञान विवि को देगा. साथ ही रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों का पूरा रिकॉर्ड भी सौंपेगा. मौजूदा समय में छात्र एमएससी इंजीनियरिंग की पढ़ाई एमआइटी में करते हैं.
2011 के बाद आर्यभट्ट ज्ञान विवि के अधीन चला गया एमआइटी
एमआइटी वर्ष 2011 के बाद आर्यभट्ट ज्ञान विवि के अधीन चला गया है. विवि पूरे मामले की जानकारी राजभवन व विवि को देगा. इसके बाद आर्यभट्ट ज्ञान विवि यह फैसला करेगा कि छात्रों की डिग्री पर क्या निर्णय लिया जाये. 2011 से पहले छात्रों का रजिस्ट्रेशन बीआरए बिहार विवि से था. ऐसे में छात्रों की परीक्षा विवि ही कराता रहा है.
एआइसीटीइ से भी नहीं है कोर्स की मंजूरी : बीआरए बिहार विवि ने कोर्स की मंजूरी एआइसीटीइ से नहीं ली है. इस वजह से मामला काफी पेचीदा हो गया है. इसको लेकर विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने विवि को पत्र भी भेजा है. इसमें कहा है कि विवि के पास न तो इंजीनियरिंग संकाय है और न ही कोई इंजीनियरिंग कॉलेज है. इसके बावजूद विवि छात्रों को डिग्री कैसे देता रहा, यह अपने आप में बड़ा सवाल है. विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग ने बीआरए बिहार विवि से मिली एमएससी इंजीनियरिंग की डिग्री को गैर-कानूनी करार देते हुए इसमें शामिल शिक्षकों व अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिये हैं.