इसका खुलासा राशन कार्डधारकों के सत्यापन के दौरान हुआ है. सिर्फ पश्चिमी अनुमंडल में ही 103 सरकारी कर्मियों को राशन कार्ड निर्गत होने की बात सामने आयी है. इनमें से कुछ शिक्षक हैं, तो कुछ सरकारी कार्यालयों में अनुसेवक. कुछ सरकारी कार्यालयों में थर्ड ग्रेड की नौकरी करते हैं. जिला आपूर्ति पदाधिकारी हरिनारायण पासवान के निर्देश पर इन सभी को नोटिस जारी किया गया है.
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103 सरकारीकर्मी लेते हैं राशन
मुजफ्फरपुर: जिले में राशन कार्ड जारी करने में जम कर धांधली हुई है. सरकार के निर्देशों की अवहेलना कर न सिर्फ पक्के मकान, दोपहिया वाहनों के मालिकों को कार्ड निर्गत किया गया है, बल्कि सरकारी नौकरी करनेवालों पर भी इस मामले में जम कर मेहरबानी हुई है. इसका खुलासा राशन कार्डधारकों के सत्यापन के दौरान […]
मुजफ्फरपुर: जिले में राशन कार्ड जारी करने में जम कर धांधली हुई है. सरकार के निर्देशों की अवहेलना कर न सिर्फ पक्के मकान, दोपहिया वाहनों के मालिकों को कार्ड निर्गत किया गया है, बल्कि सरकारी नौकरी करनेवालों पर भी इस मामले में जम कर मेहरबानी हुई है.
इसका खुलासा राशन कार्डधारकों के सत्यापन के दौरान हुआ है. सिर्फ पश्चिमी अनुमंडल में ही 103 सरकारी कर्मियों को राशन कार्ड निर्गत होने की बात सामने आयी है. इनमें से कुछ शिक्षक हैं, तो कुछ सरकारी कार्यालयों में अनुसेवक. कुछ सरकारी कार्यालयों में थर्ड ग्रेड की नौकरी करते हैं. जिला आपूर्ति पदाधिकारी हरिनारायण पासवान के निर्देश पर इन सभी को नोटिस जारी किया गया है.
इधर, नोटिस जारी होने की सूचना के बाद 65 कर्मचारियों ने खुद अनुमंडल कार्यालय में आकर अपना राशन कार्ड जमा कर दिया है. वहीं शेष 38 लोगों के राशन कार्ड रद्द करने के लिए विभागीय पहल शुरू कर दी गयी है. यही नहीं, प्रशासन अब उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.
654 परिवारों का रद्द होगा कार्ड
बीपीएल परिवार के लोगों को अनुदानित दर पर राशन देने का प्रावधान है. फिलहाल जिले में आठ लाख से अधिक लोग इसका लाभ पा रहे हैं. सत्यापन के दौरान लाभ उठा रहे 31,183 परिवारों के एक लाख 38 हजार 589 लोगों को अपात्र पाया गया है. प्रशासन की ओर से इन सभी को नोटिस जारी किया जा चुका है. नोटिस के आधार पर जिले में 654 परिवारों को नोटिस जारी कर कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया जारी है. जिला आपूर्ति कार्यालय को मिली रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्र, मुरौल, मड़वन, मोतीपुर नगर, साहेबगंज व साहेबगंज नगर में एक भी लाभुक अपात्र नहीं पाये गये हैं. सबसे ज्यादा अपात्र लाभुकों की संख्या कांटी (190) में है. इसके बाद मुशहरी (74), बोचहां (65), गायघाट (46), बंदरा (44), मीनापुर (42) का नंबर आता है.
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