नगर निगम व एस्सेल के बीच विवाद सुलझा

बकाया भुगतान पर सहमति के बाद जोड़ी लाइन मुजफ्फरपुर : बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम व एस्सेल के बीच ठनी रार 24 घंटे के अंदर ही सुलझ गया. इसके बाद एस्सेल ने नगर आयुक्त आवास एवं निगम के प्रशासनिक भवन के काटे गये लाइन को शनिवार को जोड़ दिया है. हालांकि, एस्सेल का कहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2017 3:46 AM

बकाया भुगतान पर सहमति के बाद जोड़ी लाइन

मुजफ्फरपुर : बकाया भुगतान को लेकर नगर निगम व एस्सेल के बीच ठनी रार 24 घंटे के अंदर ही सुलझ गया. इसके बाद एस्सेल ने नगर आयुक्त आवास एवं निगम के प्रशासनिक भवन के काटे गये लाइन को शनिवार को जोड़ दिया है. हालांकि, एस्सेल का कहना है कि उसने बिजली नहीं जोड़ी है. निगम खुद से लाइन को जोड़ा है, लेकिन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन के सख्ती के बाद एस्सेल के अधिकारियों ने शनिवार को नगर निगम पहुंच इस मुद्दे पर बातचीत की.
बातचीत के शुरुआती दौर में बिजली काटने से नगर आयुक्त काफी नाराज थे. पहले तो उन्होंने इस मुद्दे पर कोई बातचीत करने से ही इनकार कर दिया, लेकिन एस्सेल की तरफ से जब मान-मनौव्वल की गयी. इसके बाद में उन्होंने बकाया बिजली बिल की जांच-पड़ताल की.
इस दौरान स्ट्रीट लाइट के 9.01 करोड़ के बिजली बिल में उन्हें खामियां मिली. जिसे दोबारा कंपनी को जांच कर सही बिल देने का निर्देश दिया. साथ ही शेष जो राशि बची है. उसमें से
1.08 करोड़ होल्डिंग टैक्स का बकाया राशि काटने के साथ 1.39 करोड़ रुपये का भुगतान 28 मार्च तक करने की बात कही. साथ ही निगम की ओर से कंपनी के ऊपर जो 1.98 अरब रुपये की दावेदारी ठोकी गयी है. उस राशि को भी नगर आयुक्त ने भुगतान करने का निर्देश दिया. इस पर एस्सेल की तरफ से दलील दी गयी कि यह मामला सरकार स्तर पर लंबित है. इसलिए पहले का जो बिजली बिल एवं होल्डिंग टैक्स बकाया है. सरकार स्तर पर जब फैसला हो जायेगा. इसके बाद इस मुद्दे पर निर्णय लिया जायेगा. जिस पर नगर आयुक्त राजी हो गये. हालांकि, मार्च के बाद अगर विवाद नहीं सुलझता है, तो फिर से एक बार दोनों विभाग के अधिकारी आमने-सामने हो सकते हैं.
नगर आयुक्त की सख्ती के बाद एस्सेल अधिकारियों ने निगम पहुंच की वार्ता
नगर आयुक्त ने एस्सेल के बिल को बताया गलत, कहा पहले करो सुधार फिर भुगतान पर करेंगे विचार
एस्सेल ने कहा, 28 तक करेंगे इंतजार, भुगतान हुआ तो ठीक नहीं तो करेंगे अगली कार्रवाई
जब से एस्सेल काम कर रही है, तब से अबतक का जो बिजली बिल है, कंपनी ने इसे बढ़ा-चढ़ा कर दिया है. शहर में एलइडी लाइट लगे हैं, लेकिन कंपनी वैपर लाइट का बिल बनाये हुई है. कंपनी को इसे पहले सुधारने के लिए कहा गया है. साथ ही निगम की ओर से पिछले तीन सालों में छह करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किया गया है. इसका डिटेल तैयार कर एवं गलत बिल को ठीक कर कंपनी देती है, तो हम भुगतान पर विचार करेंगे. अन्यथा सरकार के दिशा-निर्देश के बाद ही आगे की कोई कार्रवाई की जायेगी. निगम इसके लिए सरकार से पत्राचार करेगा.
रमेश प्रसाद रंजन, नगर आयुक्त
मामला सुलझ गया है. नगर आयुक्त ने 28 मार्च तक राशि भुगतान की बात कही है. कंपनी 28 मार्च तक का इंतजार करेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए कदम उठाया जायेगा.
आशीष राजदान, जीएम कॉरपोरेट, एस्सेल

Next Article

Exit mobile version