पुलिस की भूमिका पर सवाल, उच्चस्तरीय जांच की मांग

लापरवाही खबड़ा के प्रॉपर्टी डीलर दिलीप ओझा की हत्या का मामला, गायब होने के बाद मामले में संज्ञान नहीं लिये जाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर : खबड़ा के प्रोपर्टी डीलर दिलीप ओझा उर्फ राजाजी हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो गया है. उनके गायब होने की सूचना के बाद भी इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2017 4:54 AM

लापरवाही खबड़ा के प्रॉपर्टी डीलर दिलीप ओझा की हत्या का मामला, गायब होने के बाद मामले में संज्ञान नहीं लिये जाने का लगाया आरोप

मुजफ्फरपुर : खबड़ा के प्रोपर्टी डीलर दिलीप ओझा उर्फ राजाजी हत्याकांड में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना शुरू हो गया है. उनके गायब होने की सूचना के बाद भी इस मामले में उदासीनता बरतनेवाली सदर पुलिस पर हत्यारों से मिलीभगत का भी आरोप लगाया जा रहा है. पुलिस के इस रवैये से मृतक प्रोपर्टी डीलर सहित ग्रामीण काफी क्षुब्ध है और इस पूरे प्रकरण की जांच के किसी वरीय अधिकारी से कराने की मांग कर रहें हैं.
विगत 25 मार्च को घर से निकले दिलीप ओझा ने परिजनों को फोन कर पटना में होने और 26 मार्च की दोपहर तक लौट जाने की बात कहीं थी. लेकिन उनके नहीं लौटने और मोबाइल स्वीच ऑफ हो जाने के बाद परिजन सदर थाना पहुंच इस मामले की लिखित शिकायत की थी. सनहा दर्ज करने के बाद भी सदर पुलिस इस मामले में छानबीन करना तो दूर उनके घर पहुंच परिजनों से कोई बातचीत नहीं की. गायब होने के पांच दिनों बाद उनकी बाइक टेक्नीकल चौक स्थित रामचंद्र सिंह के यहां मिली थी.
परिजनों ने इस बात की जानकारी भी सदर पुलिस को दी. लेकिन पुलिस बाइक की बरामदगी या रामचंद्र सिंह से इस मामले में पूछताछ करनी भी उचित नहीं समझी. इतना ही नहीं परिजनों ने उनके तीनों मोबाइल का नंबर पुलिस को उपलब्ध कराते हुए उसका कॉल डिटेल और टावर लोकेशन निकाल उनकी खोजबीन करने का आग्रह किया था. लेकिन इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी लेने पर पुलिस उन्हें बरगलाती रही. परिजनों से उनके कभी मुंबई तो कभी यूपी तो कलकता में होने की बात कह टालती रही.
इसी बीच गायब होने के 9 वे दिन सोमवार को दिलीप ने ही अपने परिजनों और ग्रामीणों को फोन कर किसी के द्वारा मार कर फेंक देने की जानकारी दी. इसके बाद लोग खखरा गांव स्थित पुल के पास पहुंच उन्हें अचेतावस्था में बरामद किया था. इलाज के लिए भरती कराये गये प्रोपर्टी डीलर को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था. मृतक के भाई नवीन ओझा ने 20 मार्च से 3 अप्रैल तक उनके मोबाइल का कॉल डिटेल और टावर लोकेशन निकालने की मांग की है.

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