20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्देश: जांच के बाद ही डॉक्टर बीएसटी पर लिखें एइएस, 120 घंटे में अाती है रिपोर्ट, पांच दिन में बतायेंगे, कौन सी है बीमारी

मुजफ्फरपुर : चमकी व बुखार से पीड़ित होनेवाले बच्चों सभी पैथोलॉजिकल जांच होने के बाद ही डॉक्टर यह कन्फर्म करेंगे कि बच्चे को एइएस है या अन्य बीमारी. सभी तरह की जांच में कम से कम पांच दिन लगेंगे. इस दौरान चिकित्सक बच्चे के बीएसटी पर एइएस या जेइ का जिक्र नहीं करेंगे. यह निर्देश […]

मुजफ्फरपुर : चमकी व बुखार से पीड़ित होनेवाले बच्चों सभी पैथोलॉजिकल जांच होने के बाद ही डॉक्टर यह कन्फर्म करेंगे कि बच्चे को एइएस है या अन्य बीमारी. सभी तरह की जांच में कम से कम पांच दिन लगेंगे. इस दौरान चिकित्सक बच्चे के बीएसटी पर एइएस या जेइ का जिक्र नहीं करेंगे. यह निर्देश सरकार ने दिया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर कार्यपालक निदेशक पीके झा ने सिविल सर्जन को पत्र भेज कर नियम को सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि बच्चों की सभी तरह की पैथोलॉजिकल जांच करायी जाये और उसका ब्लड सैंपल सुरक्षित रखा जाये, जिससे बाद में उसका क्राॅस चेकिंग कराया जा सके.
बीमारी के लिए बने तीन कैटेगरी
स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी की पहचान के लिए तीन कैटेगरी बनाये हैं. इनमें कंफर्म एइएस, अननोन एइएस व जेइ हैं. डाॅक्टरों को फॉर्म में बनाये गये इस कैटेगरी में उल्लेख करना होगा. साथ ही डॉक्टरों का पद व हस्ताक्षर भी अनिवार्य है. एइएस की रिपोर्टिंग में सावधानी बरती जाये. कई बार ऐसा होता है कि डॉक्टर बिना रिपोर्ट के ही एइएस लिख देते हैं, इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए.
विभाग के निर्णय से आशा उदासीन : स्वास्थ्य विभाग की ओर से एइएस के मरीजों को अस्पताल में भरती कराने के लिए आशा को प्रति मरीज 300 रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन यह राशि तभी मिलेगी जब बच्चे में एइएस की पुष्टि हो जाये. यदि बच्चे में इस बीमारी की पुष्टि नहीं होती है, तो आशा को यह राशि देय नहीं होगी. इस निर्णय से आशा बीमार बच्चों को अस्पताल ले जाने के प्रति उदासीन हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें