20 मीटर में समाये 100 साल

अनूठा पल. एलएस कॉलेज का मैदान बना ऐतिहासिक पल का गवाह मुजफ्फरपुर : 20 मीटर का फासला और 100 साल के लंबे अंतराल की दो तस्वीरें. ऐसे ऐतिहासिक पल का गवाह बना एलएस कॉलेज का मैदान, जहां महात्मा गांधी और अंगरेज अफसर विल्सन के बीच की वार्ता का सजीव चित्रण हुआ. एक मंच पर यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2017 5:06 AM

अनूठा पल. एलएस कॉलेज का मैदान बना ऐतिहासिक पल का गवाह

मुजफ्फरपुर : 20 मीटर का फासला और 100 साल के लंबे अंतराल की दो तस्वीरें. ऐसे ऐतिहासिक पल का गवाह बना एलएस कॉलेज का मैदान, जहां महात्मा गांधी और अंगरेज अफसर विल्सन के बीच की वार्ता का सजीव चित्रण हुआ. एक मंच पर यह तस्वीर थी, तो दूसरे मंच पर इसका दीदार करने के लिए मौजूद थे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके कैबिनेट के दो वरिष्ठ मंत्रियों के साथ दर्जनभर से अधिक
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के तहत एलएस कॉलेज के मैदान में मंगलवार को भव्य आयोजन किया गया. मैदान में उत्तर की ओर दो बड़े मंच बने थे, जिन पर तब और अब के साथ ही भविष्य के भारत की तस्वीर भी दिखी. शाम करीब पांच बजे दाहिनी ओर बने मंच की ओर सबकी निगाहें टिकी थीं. बड़े टेबल के दोनों ओर कुर्सियां लगी थीं,
जिस पर अंगरेज अफसर विल्सन किसी का इंतजार करते दिखे. जैसे ही मंच पर गांधीजी पहुंचे, भीड़ ने जोरदार तालियों से स्वागत किया और ‘महात्मा गांधी अमर रहें’ का नारा दूर तक गूंजने लगा. करीब आधे घंटे तक निलहों के आतंक व उसको लेकर गांधीजी की चिंता के हर शब्द लोगों के कानों में गूंजते रहे.
दूसरे मंच पर आज के हिंदुस्तान की तस्वीर पेश कर रहे थे सीएम सहित अन्य जनप्रतिनिधि. सीएम के साथ ही उनकी कैबिनेट के दो मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी व रामविचार राय ने गांधी के विचारों पर चलकर भविष्य के हिंदुस्तान की तस्वीर दिखाई. सीएम ने तो अपने आधे घंटे के भाषण के दौरान आधे समय में गांधीजी के चंपारण यात्रा का खाका शब्दों से ही तैयार कर दिया. शताब्दी समारोह के तहत पटना से मुजफ्फरपुर होते हुए चंपारण तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की चर्चा की. साथ ही अगले साल भर तक राज्य सरकार की ओर से होने वाले आयोजन व उसके उद्देश्य के बारे में भी बताया.
जदयू कार्यकर्ता लगाते रहे जिंदाबाद का नारा. मंच पर सीएम नीतीश कुमार और सामने जदयू के नेता व कार्यकर्ता. ऐसे में गैर राजनीतिक कार्यक्रम होते हुए भी नारेबाजी न हो, कैसे संभव है. हुआ भी ऐसा ही. पंडाल में सामने की ओर करीब दो दर्जन युवा हाथ में जदयू का झंडा लेकर खड़े थे. गांधी-विल्सन की वार्ता खत्म होने के बाद जब सीएम के मंच पर भाषणबाजी शुरू हुई, तो युवकों ने नारेबाजी शुरू कर दी. बार-बार ‘नीतीश कुमार जिंदाबाद’ का नारा लगा रहे थे.
धूल ने किया परेशान
कार्यक्रम स्थल पर आसमान में उड़ रहे धूल के गुबार दुर्व्यवस्था का आलम बयां कर रहे थे. स्थिति यह थी कि लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह में बड़ा आयोजन एलएस कॉलेज मैदान में ही था. इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे, तो अहमियत और बढ़ गयी. इसके बाद भी तैयारी के नाम पर टेंट और कुर्सियां थीं. शाम को जब कार्यक्रम शुरू होने के बाद भीड़ बढ़ने लगी तो हवा में धूल उड़ने लगी. जिस वक्त सीएम मंच पर थे, उस समय काफी देर तक मंच के चारों तरफ धूल उड़ रही थी. मंच के सामने बने पंडाल में बैठे लोगों को भी दिक्कत होने लगी.

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