आधार कार्ड वाले कैदी ही अपने परिजन से कर सकेंगे मुलाकात
मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में अब कैदियों को अगर परिजन से मिलना है, तो उन्हें अपना आधार कार्ड दिखना होगा. इधर मुलाकाती के पास परिजन को भी अपना आधार कार्ड नंबर अंकित कराना होगा. इसके बाद ही कैदियों से परिजन से मुलाकाती होगी. जिन कैदियों व परिजन के पास आधार कार्ड नहीं […]
मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में अब कैदियों को अगर परिजन से मिलना है, तो उन्हें अपना आधार कार्ड दिखना होगा. इधर मुलाकाती के पास परिजन को भी अपना आधार कार्ड नंबर अंकित कराना होगा. इसके बाद ही कैदियों से परिजन से मुलाकाती होगी. जिन कैदियों व परिजन के पास आधार कार्ड नहीं होगा, उसकी मुलाकाती जेल पर नहीं करायी जायेगी. इसके लिये कैदियों को आधार कार्ड से जोड़ने के लिए गृह मंत्रालय ने सभी जेल अधिकारियों को निर्देश जारी किया हैं. इसके साथ ही जेल अधिकारियों को जेलों में आनेवाले आगंतुकों की पहचान के लिए आधार का उपयोग करने के लिए कहा है.
कैदियों का बनेगा आधार कार्ड
केंद्रीय कारा में बंद कैदियों का आधार कार्ड बनाया जायेगा. इसमें ऐसे कैदी होंगे, जिनका आधार कार्ड नहीं बना है और वह जेल में सजा काट रहे हैं. कैदियों के आधार कार्ड बनाने के लिए उन्हें बाहर नहीं जाना होगा. जेल के अंदर ही कैदियों के आधार कार्ड बनाने के लिये कैंप लगाये जायेंगे. कैदियों के बननेवाले आधार कार्ड में उसका मूल पता दिया जायेगा. इसके अलावा उसके पहचान पत्र के तौर पर जेल की आइडी दी जायेगी. जेल अधीक्षक सत्येंद्र कुमार ने कहा कि महानिदेशक की ओर से निर्देश जारी किये गये हैं. इसमें कहा गया है कि जेल के कैदियों को भी आधार कार्ड होना चाहिए. जैसे-इंटरव्यू, पैरोल मुफ्त कानूनी सहायता, जेल में लौटने, परिवहन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा सहित कई सुविधाओं के लिए कैदियों को आधार कार्ड से जोड़ा जाये. उन्होंने कहा कि कैदियों के लिए जेल घर की तरह है.
कार्ड बनाने के शुरू हुई प्रक्रिया
जेल में कैदियों के आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पहले फेज में कुछ कैदियों का आधार कार्ड जेल के अंदर कैंप लगा कर बनाये गये हैं. जो कैदी इस आधार कार्ड से वंचित रह गये हैं. उनका आधार कार्ड इस माह के अंतिम सप्ताह में कैंप लगा बनाये जायेंगे. सभी कैदियों के आधार कार्ड बनने के बाद उसे कंप्यूटर से लिंक कर दिया जायेगा. इसके बाद कैदियों के परिजन अगर उससे मिलने आते हैं, तो उनके आधार कार्ड का नंबर कंप्यूटर में डाले जायेंगे. दोनों आधार कार्ड के नंबर मिलने के बाद ही कैदी से परिजन की मुलाकाती होगी.
सत्येंद्र कुमार, अधीक्षक, शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा