दहशत में रहे इलाजरत 1100 मरीज व परिजन

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में भरती 1100 मरीज व उसके परिजन दहशत में रहे. परिजन बार-बार अपने वार्ड से बाहर निकल कर स्थिति को भांपते फिर अपने मरीज के पास चले आते. उन्हें गुरुवार की रात की घटना की जानकारी नहीं थी. सुबह साढ़े आठ बजे जब जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी व ओपीडी बंद कराने लगे तब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2017 9:21 AM
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में भरती 1100 मरीज व उसके परिजन दहशत में रहे. परिजन बार-बार अपने वार्ड से बाहर निकल कर स्थिति को भांपते फिर अपने मरीज के पास चले आते. उन्हें गुरुवार की रात की घटना की जानकारी नहीं थी. सुबह साढ़े आठ बजे जब जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी व ओपीडी बंद कराने लगे तब तक वे इस घटना से अनजान थे.

लेकिन साढ़े नौ बजे जब स्थिति विस्फोटक हो गयी तो उन्हें एमबीबीएस छात्रों की ओर से मारपीट की जानकारी मिली. डॉक्टरों के रुख को देखते हुए पारामेडिकल स्टाफ भी सकते में थे. जब तक एसकेएमसीएच में छात्रों का उपद्रव चलता रहा पारामेडिकल स्टाफ भी एक जगह जमा हो गये थे. मरीजों की सूईं व दवा भी नहीं दी गयी.

नहीं चढ़ा मरीजों को स्लाइन. बवाल के दौरान यहां भरती कई मरीजों को स्लाइन भी नहीं चढ़ायी गयी. स्थानीय लोगों के आक्रोश को देखते हुए पारा मेडिकल स्टाफ भी डरे हुए थे. उन्होंने सुरक्षित जगह पर रहना ही भलाई समझी. हालांकि इसी दौरान वार्ड बंद कराने आये लोगों को देख मरीज व परिजन सहम गये. लेकिन परिजनों की विनती के बाद वार्ड बंद नहीं कराया गया. दोपहर दो बजे तक परिजनों ने भी अपने मरीज की दवा के लिए पारा मेडिकल स्टाफ को नहीं खोजा. दोपहर दो बजे के बाद जब स्थिति कुछ सामान्य हुई तो परिजनों ने पारा मेडिकल स्टाफ को खोज कर दवा दिलवायी.

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