बिना टीम जिले में क्राइम कंट्रोल

मुजफ्फरपुर: जिले में बढ़ते अपराध के नियंत्रण के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों के पास कोई विशेष कार्य योजना नजर नहीं आती है. क्राइम कंट्रोल के लिए उनकी रुचि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, लोकसभा चुनाव को देखते हुए तीन साल से जमे इंस्पेक्टरों के तबादले के बाद अब तक एसआइटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2014 8:43 AM

मुजफ्फरपुर: जिले में बढ़ते अपराध के नियंत्रण के लिए पुलिस के वरीय अधिकारियों के पास कोई विशेष कार्य योजना नजर नहीं आती है. क्राइम कंट्रोल के लिए उनकी रुचि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, लोकसभा चुनाव को देखते हुए तीन साल से जमे इंस्पेक्टरों के तबादले के बाद अब तक एसआइटी का गठन नहीं किया गया है. पूर्व में बने एसआइटी के सभी अधिकारियों का तबादला हो चुका है.

इंचार्ज सुनील कुमार इंस्पेक्टर बन कर वैशाली जा चुके हैं. टीम के अन्य सदस्य देहाती थानों में तैनात है. शहरी क्षेत्र के विवि व नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा को छोड़ कर अन्य छह थानों में तैनात थानाध्यक्ष दूसरे जिले से बदल कर आये है. उनके लिए अपराध नियंत्रण चुनौती बनी हुई है. अहियापुर थाने में तैनात थानाध्यक्ष यतिंद्र कुमार सिंह पटना से आये हैं. उनके लिए थाना क्षेत्र बिल्कुल नया है. थाने में अफसर की कमी का पूर्व से ही रोना चला आ रहा है. अति महत्वपूर्ण नगर, सदर व अहियापुर में स्वीकृत पद से भी कम पुलिस कर्मी तैनात है.

एसएसपी ने लिया जायजा
तीन माह के अंदर जिले में दूसरी बड़ी लूट की घटना को अपराधियों ने मंगलवार को अंजाम दिया है. 20 लाख की लूट की सूचना पर देर शाम एसएसपी सौरभ कुमार व नगर डीएसपी अनिल कुमार सिंह अहियापुर थाने पहुंचे. उन्होंने घटनास्थल का जायजा लेते हुए पूरी घटना की जानकारी ली. एसएसपी ने विशेष टीम का गठन करते हुए थानाध्यक्ष को कई निर्देश भी दिये. पुलिस का कहना है कि छानबीन की जा रही है. अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इसके पूर्व दिसंबर माह में 10 तारीख को दिनदहाड़े सरैया थाना क्षेत्र के रेवा पुल पर अपराधियों ने युनाइटेड बैंक के कैश वैन से हथियार के बल पर 31 लाख रुपये लूट कर फरार हो गये थे. घटना के तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया था.

रैली में पुलिस, हो गयी लूट
लूट की घटना के समय जिले के अधिकांश पुलिस कर्मी न्यू पुलिस लाइन मैदान में राजद की रैली में डयूटी कर रहे थे. रैली स्थल अहियापुर क्षेत्र में होने से नगर डीएसपी सहित थानाध्यक्ष भी मैदान में ही मौजूद थे. इसी बीच अपराधियों ने रैली का फायदा उठाते हुए 20 लाख की लूट की घटना को अंजाम दे डाला.

बरती गयी लापरवाही
जिला पुलिस के बार-बार बैंक में पैसा जमा कराने जाने के समय व्यवसायियों को पुलिस स्कॉर्ट का सहायता लेने की अपील का कोई असर नहीं हो रहा है. तत्कालीन एसएसपी राजेश कुमार ने सभी बैंक प्रबंधक के साथ बैठक कर स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि बैंक से तीन लाख की अधिक रकम निकासी के समय बिना चार पहिया वाहन लेकर पहुंचे ग्राहक को पैसे की डिलिवरी नहीं दे. यहीं नहीं, व्यवसायियों को पैसा जमा कराने के लिए पुलिस की सहायता लेने का अनुरोध किया जाता रहा है. लेकिन उसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है. 20 लाख की लूट में भी दो पहिया वाहन से इतनी बड़ी रकम ले जाने पर सवाल उठ रहे है. निहत्था स्टाफ के भरोसे बैंक में पैसा जमा कराने के लिए भेजना पुलिस अधिकारियों को भी कारण समझ में नहीं आ रहा है.

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