एचआइवी मरीज को भरती
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अस्पताल अधीक्षक ने मांगा स्पष्टीकरण
एचआइवी मरीज को भरती नहीं करने की जांच शुरू मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में शुक्रवार को एचआइवी मरीज को दवा नहीं देने व प्रसव पीड़िता को भरती नहीं करने के मामले को अस्पताल अधीक्षक ने गंभीरता से लिया है. अधीक्षक ने शनिवार को मेडिसीन व गायनिक वार्ड में तैनात कर्मियों से पूछताछ की. साथ ही दोनों […]
नहीं करने की जांच शुरू
मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में शुक्रवार को एचआइवी मरीज को दवा नहीं देने व प्रसव पीड़िता को भरती नहीं करने के मामले को अस्पताल अधीक्षक ने गंभीरता से लिया है. अधीक्षक ने शनिवार को मेडिसीन व गायनिक वार्ड में तैनात कर्मियों से पूछताछ की.
साथ ही दोनों विभाग के विभागाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा है. दोनों विभागाध्यक्ष से दो दिनों में जवाब देने को कहा है. अधीक्षक ने खुद दोनों विभाग का जायजा लिया. अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच की जा रही है. जांच में दोषी पाये जाने वाले कर्मी पर कार्रवाई की जायेगी.
हर माह दो से तीन एचआइवी मरीज का प्रसव : एसकेएमसीएच के आंकड़े बताते हैं कि एचआइवी पीड़ित प्रसूता की संख्या में हर माह इजाफा हुआ है. प्रसव के लिए
आयी महिलाओं के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी में एक प्रसूता, फरवरी में दो, मार्च में दो, अप्रैल में एक प्रसूता का ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया. डॉक्टर की मानें, तो एचआइवी मरीज के ऑपरेशन में बहुत
सावधानी बरतनी पड़ती है. इसके बावजूद मरीज का इलाज किया जाता है. शुक्रवार को एचआइवी पीड़ित प्रसूता को गायनिक वार्ड में भरती
नहीं किया गया था. परिजन में बताया था कि डॉक्टर द्वारा दिये गये समय से 15 दिन अधिक हो गया है. शुक्रवार की दोपहर एचआइवी मरीज को एआरटी
सेंटर पर दवा नहीं दी गयी थी. सेंटर पर मौजूद कर्मियों का कहना था
कि डॉक्टर की परामर्श परची नहीं
थी. इसलिए दवा देने से इनकार
कर दिया.
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