मुजफ्फरपुर: नवरूणा कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआइ ने जांच तेज कर दी है. गुरुवार को जांच अधिकारी आरपी पांडेय ने सीबीआइ कोर्ट के स्पेशल न्यायिक दंडाधिकारी मौसमी सिंह को आवेदन देकर अतुल्य चक्रवर्ती व मैत्री चक्रवर्ती का ब्लड सैंपल लेने की इजाजत मांगी. कोर्ट ने सीबीआइ के आवेदन पर सुनवाई करते हुए मंजूरी दे दी है.
कोर्ट ने कहा है, एसकेएमसीएच में डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाये. गठन के बाद सूचना देकर परिजनों का ब्लड सैंपल लिया जाये. इधर, कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद सीबीआइ के जांच अधिकारी ने परिजनों से संपर्क नहीं साधा है. बताया जाता है, सेंट्रल एफएसएल टीम की जांच में सीबीआइ को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है. सीबीआइ के अधिकारी 26 नवंबर 2012 को चक्रवर्ती लेन के पास मिले नाले से कंकाल की गुत्थी भी सुलझाना चाहते है. परिजनों का ब्लड सैंपल लेकर सीबीआइ डीएनए जांच भी करवा सकती है.
एक माह से सीबीआइ मामले की जांच कर रही है. अब तक दर्जनों लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. इसके पूर्व सीबीआइ दोनों मामले की फाइल खंगाल चुकी है. कंकाल मिलने पर नगर पुलिस ने भी पटना स्थित एफएसएल व पीएमसीएच के डॉक्टर से जांच करायी थी. जांच के क्रम में पता चला कि कंकाल 13 से 15 साल की लड़की की है, जिसकी मौत कंकाल मिलने के कई दिन पूर्व हुई थी. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस की टीम कई बार नवरूणा के माता-पिता से डीएनए जांच के लिए ब्लड सैंपल देने का अनुरोध किया था, लेकिन परिजनों ने ब्लड सैंपल देने से इनकार कर दिया था. नगर पुलिस कोर्ट के आदेश पर भी ब्लड सैंपल देने का अनुरोध की थी, लेकिन उसके बाद भी परिजन तैयार नहीं हुए थे. नवरूणा का 18 सितंबर 2012 की रात अपहरण कर लिया गया था, तब से अब तक उसका पता नहीं चला है.
सैंपल देने को तैयार
नवरूणा की मां मैत्री चक्रवर्ती का कहना था कि सीबीआइ के अधिकारियों ने उनलोगों से पूर्व में ही ब्लड सैंपल देने की बात कही थी. वे लोग सीबीआइ को सैंपल देने का तैयार है. गुरुवार को कोर्ट से इजाजत मिलने पर सीबीआइ ने उनलोगों से संपर्क नहीं साधा है. मैत्री का कहना था कि पुलिस पर से उनलोगों का भरोसा उठ चुका था. इसलिए वे ब्लड सैंपल देने को राजी नहीं थे. वे सीबीआइ को जांच में हर प्रकार से सहयोग को तैयार है.